अशाेक यादव, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजधानी दौरे पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित रही। शहर के सभी प्रमुख सड़कों व चौराहे पर जाम जाम लगा रहा। साथ ही दो से ढ़ाई किलोमीटर तक सड़क पर वाहन रेंगते हुए नजर आए। जबकि यातायात और सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मी मूकदर्शक की भूमिका में खडे़ नजर आए।
जिसे जहां जिस ओर से निकलना दिखाई दिया, वह, उधर से ही अपनी मंजिल की तलाश में निकल पडे़। वहीं लोगों को दस मिनट के रास्ते को पार करने में करीब एक घंटा लग रहा था। जिसकी वजह से सड़क पर चल रहे वाहनों के धुएं को लोग सिगरेट का कस समझकर सूंघते दिखाई दिए। इस दौरान कोई प्रधानमंत्री के आगमन की चर्चा करता दिखाई दिया तो कोई चरमराई यातायात व्यवस्था को कोसता नजर आया। मंगलवार को गोमती नगर विभूतिखण्ड स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पीएम नरेन्द्र मोदी का 10:30 बजे विभिन्न योजनाओं का लोकापर्ण और शिलान्यास का कार्यक्रम था।
इस दौरान शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ यातायात में बदलाव किया गया। इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर यातायात पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। यहां जगह-जगह बैरीकेट लगाकर छोटे-बड़े वाहनों के आवागमन को डायवर्ट किया गया था। बावजूद इसके अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग कमता शहीद पथ चौराहे से लेकर पॉलिटेक्निक चौराहे से दो से ढ़ाई किलोमीटर के सड़क जाम का शिकार हो गई। लेकिन उनको क्या पता था कि यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त रहेगी, जो जहां से निकला वहीं फंस गया। सवारियां आगे पीछे सड़क झांकती रही।
लोग रास्ता बदलते रहे, जो जिधर से निकल पाया, उधर से निकलने की जुगत में फंसता गया। जिसे हजरतगंज आना था वो हजरतगंज आने के लिए शहर के तमाम रास्तों से गुजरने की कोशिश करता दिखाई दिया। वहीं, कार्यालय पहुंचने की जल्दबाजी में लोग दो चार किलोमीटर का रास्ता अतिरिक्त तय करके अपनी मंजिल तक किसी तरह से पहुंचे। इधर, सड़कों पर खडे़ कर्मी भी धूप छांव की परवाह किए बगैर सुनसान सड़कों का लुत्प