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पेट्रोल-डीजल के दाम पर विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक स्थगित

अशाेक यादव, लखनऊ। राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया जिसके कारण उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल में कहा कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की ओर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिला है जिसमें उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया है। नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है।

नायडू ने कहा कि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है क्योंकि सदस्य मौजूदा सत्र में विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान एवं अन्य मौकों पर इस संबंध में अपनी बात रख सकते हैं। कांग्रेस नीत विपक्ष इस मुद्दे को उठाने की मांग करता रहा। खडगे ने पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हुयी वृद्धि का जिक्र किया और कहा कि लोग इस संबंध में सरकार की बात सुनना चाहते हैं।

लेकिन सभापति नायडू ने इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी और सदन में प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गए। सदन में हंगामा थमते नहीं देख सभापति ने करीब 10 बजे बैठक मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद 11 बजे बैठक शुरू होने पर भी विपक्ष ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा की मांग दोहरायी। लेकिन उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सभापति ने पहले ही इस संबंध में अपनी व्यवस्था दे दी है और उस पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सदस्यों को विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज और विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।

इस पर नेता प्रतिपक्ष खडगे ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिसे टाला नहीं जा सकता। उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और सदन का कामकाज चलने देने की अपील की। लेकिन इसका असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

तृणमूल कांग्रेस ने चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में जारी विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया का हवाला देते हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण को स्थगित करने की सोमवार को मांग की। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को लिखे एक पत्र में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और प्रवक्ता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि चुनावों के कारण उनकी पार्टी के सदस्य संसद सत्र में उपस्थित नहीं रह सकेंगे।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का नेता (राज्यसभा) होने के नाते मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं। पांच राज्यों में चुनावों की घोषणा के कारण मैं आपसे चालू संसद सत्र को स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह करता हूं।

उन्होंने पत्र में लिखा कि निर्वाचन आयोग ने 26 फरवरी को पश्चिम बंगाल सहित चार राज्यों व पुडुचेरी में चुनाव की घोषणा की है। राज्य में चुनाव की व्यापक तैयारियों के कारण ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को आठ मार्च से आरंभ हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में शामिल होने पर परेशानियां होंगी।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने इसी विषय पर एक पत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा है और चुनावों के कारण सत्र स्थगित करने का आग्रह किया है। ओ ब्रायन ने आठ मार्च को लिखे पत्र में यह हवाला भी दिया है कि दो ऐसे मौके आए जब चुनावों के कारण पूर्व में संसद सत्र को स्थगित कर दिया गया था।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि संसद के 222वें सत्र के दौरान असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के कारण सदन की कार्यवाही 25 मार्च 2011 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मुझे उम्मीद है कि आप हमारे इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे।

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