धनबाद: धनबाद के पूर्व सांसद और मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के संस्थापक एके राय का अंतिम संस्कार राजकीय सम्घ्मान के साथ मोहलबनी घाट पर संपन्न हुआ. छोटे भाई ने राय बाबू को मुखाग्नि दी. राय दा अविवाहित थे. रविवार को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था. झारखंड के राजनीतिक संत माने जाने वाले राय बाबू ने केंद्रीय अस्पताल जगजीवन नगर में अंतिम सांस ली. उनकी उम्र लगभग 84 वर्ष थी. रविवार को उनके पार्थिव शरीर को आम जनता के दर्शन के लिए मासस के पुराना बाजार स्थित केंद्रीय कार्यालय में रखा गया था.
वहीं आज उनकी अंतिम यात्रा में हजारो लोग शामिल हुए. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने घोषणा की थी की राय बाबू का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा और राज्य के मंत्री अमर बाउरी मौके पर मौजूद थे. मार्क्सवादी चिंतक पूर्व सांसद एके राय पिछले एक दशक से बीमार चल रहे थे. उन्हें आठ जुलाई को केंद्रीय अस्पताल के सीसीयू में भर्ती कराया गया था. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद भर्ती हुए पूर्व सांसद की स्थिति लगातार बिगड़ती रही. दो दिनों से तो उन्हें स्लाइन चढ़ाने में भी परेशानी आ रही थी. उपचार कर रहे डॉक्टरों के अनुसार पूर्व सांसद को सेप्टीसिमिया हो गया था.