लखनऊ : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में पिछले कुछ वर्षों के भीतर असहिष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं तथा इस तरह के चलन को रोकने के लिए सभी को एकजुट होना होगा क्योंकि इस तरह की घटनाओं से सिर्फ राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचता है.
मनमोहन सिंह यहां ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार’ के कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस बार यह पुरस्कार पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को दिया गया.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह गंभीर चिंता का कारण है कि हमारा देश पिछले कुछ वर्षों में परेशान करने वाले चलन का साक्षी बना है. बढ़ती असहिष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कुछ समूहों द्वारा बढाई जा रही घृणा एवं हिंसा की बढ़ती घटनाएं तथा भीड़ का काननू अपने हाथ में लेने का यह चलन सिर्फ हमारे देश के राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचा सकता है.’’ उन्होंने कहा कि ये चलन शांति, राष्ट्रीय एकीकरण और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के संदर्भ में अभिशाप हैं. अब शायद हमें ठहरने और सोचने की जरूरत है कि हम कैसे एकजुट हो कर इन चलन को रोक सकते हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह सौभाग्य की बात है कि आज के समय में गोपाल कृष्ण गांधी जैसे व्यक्ति हमारे बीच हैं. मुझे विश्वास है कि वह देश और लोगों की सेवा के अपने बेहतरीन रिकॉर्ड को जारी रखेंगे.’’
उन्होंने कहा कि गोपाल कृष्ण गांधी का लंबा और उल्लेखनीय करियर रहा है. वह लंबे समय तक धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता और विविधता के प्रति सम्मान की आवाज रहे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘यह अपने प्रिय नेता राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने का मौका है. हम उन मूल्यों का अनुसरण करते हैं जिनको राजीव जी ने हमेशा जिया और उनके आधार पर काम किया.’’