नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शनिवार को पूर्वोत्तर के दौरे पर हैं, जहां वह तीन जनसभा को संबोधित करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर के दो दिवसीय दौरे पर हैं. पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा में तीन जनसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुक्रवार शाम शहर पहुंचने और हवाई अड्डे से राजभवन जाने के दौरान ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) के सदस्यों ने काले झंडे दिखाए और नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नारेबाजी की. आसू सदस्यों ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय के गेट पर प्रधानमंत्री को उस समय काले झंडे दिखाए जब वह लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से शाम करीब साढ़े छह बजे राजभवन की ओर जा रहे थे.
आसू सदस्यों के एक अन्य समूह ने कुछ मिनट के बाद तेजी से जा रहे मोदी के काफिले को काले झंडे दिखाये. इस दौरान ‘मोदी वापस जाओ’, ‘नागरिकता संशोधन विधेयक वापस लो’ जैसे नारे लगाए गये. लोकसभा में आठ जनवरी को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित किये जाने के बाद मोदी पहली बार असम के दौरे पर हैं. सबसे पहले पीएम अरुणाचल. फिर असम और आख़िर में त्रिपुरा में रैली करेंगे. पीएम के दौरे से पहले नागरिकता के मुद्दे पर विरोध हो रहा है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के लिए होलोंगी में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री सेला टनल की भी आधारशिला रखेंगे. पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश को समर्पित दूरदर्शन के चैनल अरुण प्रभा का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा, आयुष्मान भारत के तहत 50 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का लोकार्पण करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिपुरा दौरे के दौरान अगरतला एयरपोर्ट पर त्रिपुरा के महाराजा बीर विक्रम माणिक्य किशोर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. दरअसल, 2018 में केंद्र सरकार ने अगरतला एयरपोर्ट का नाम बदलकर बीर विक्रम माणिक्य किशोर एयरपोर्ट किया था. इसके बाद पीएम मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. विवादास्पद विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) प्रमुख अखिल गोगोई ने कहा कि ‘विधेयक बांग्लादेश से आये हिन्दू बंगालियों को नागरिकता देने और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका वोट पाने के लिए लाया गया है.’ केएमएसएस नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की देश में स्थिति ठीक नहीं है और उनकी रणनीति पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर से अधिकतम सीटें जीतने की है. उन्होंने कहा कि इसलिए भाजपा ने नागरिकता संशोधन विधेयक की राह चुनी.