बॉलीवुड अदाकारा पूनम ढिल्लों ने सोशल मीडिया पर चल रहे ‘‘मी टू’’ अभियान के समर्थन में बुधवार को अपनी आवाज बुलंद की, लेकिन उन्होंने समूचे फिल्म उद्योग को ‘‘बुरा’’ बताए जाने के खिलाफ आगाह भी किया। महात्मा गांधी पर यहां एक प्रदर्शनी के उद्घाटन से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए पूनम ने यह भी कहा कि काफी हद तक यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपना आचरण कैसा रखते हैं। बॉलीवुड को महिलाओं के लिए बहुत सुरक्षित बताए जाने संबंधी प्रिटी जिंटा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पूनम ने कहा कि वह उनके बयान पर कुछ नहीं कहना चाहेंगी क्योंकि उन्होंने (पूनम ने) इसे नहीं पढ़ा है। हालांकि, फिल्म उद्योग को झकझोर कर रख देने वाले मी टू अभियान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमे जीवन में किसी भी चीज का सामान्यीकरण नहीं कर देना चाहिए। हम नहीं कह सकते कि मीडिया में लोग इस तरह के हैं, फिल्म जगत के लोग इस तरह के हैं या डॉक्टर इस तरह के हैं।’’पूनम ने कहा, ‘‘आप नहीं कह सकते कि पूरा (फिल्म) उद्योग बुरा है। उनमें कुछ बुरे लोग हैं लेकिन वहां कुछ अच्छे लोग भी हैं। काफी हद तक यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप अपना आचरण कैसा रखते हैं।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि मी टू अभियान एक अच्छी चीज है क्योंकि इससे लोग यह महसूस करेंगे कि वे अपनी शक्तियों का दुरूपयोग और अपने तहत काम करने वाले लोगों से अभद्रता नहीं करें। उन्होंने कहा, ‘‘यह (मी टू अभियान) उन लोगों को एक चेतावनी हो सकती है जो जानबूझ कर या अनजाने में अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करते हैं।’’ पूनम ने 49 वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव (इफ्फी) की भी सराहना करते हुए कहा कि यह साल दर साल आगे बढ़ रहा है।
पूनम ढिल्लों ने ‘‘मी टू अभियान’’ को लेकर दिया बयान, कहा- ये एक चेतावनी है
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