शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण में कथित रूप से लापता लड़की की तलाशी के लिए स्थानीय पुलिस ने गुरुवार को पोस्टर जारी किया है. शहर के महाविद्यालय में एल एल एम करने वाली एक छात्रा गायब है. छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करके आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है एवं उसके व उसके परिवार को जान का खतरा है. पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश त्रिपाठी ने गुरुवार को बताया कि अपहृत के तलाश के लिए पोस्टर जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है. पोस्टर में लिखा है कि शहर निवासी 23 वर्षीय एल एल एम की छात्रा 23 अगस्त से अपने हॉस्टल से गायब है.
इस संबंध में उसके पिता ने कोतवाली शाहजहांपुर में मुकदमा धारा 364 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ प्रताड़ना के आरोप लगाये जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने छात्रा के लापता होने की खबरों पर गुरुवार को स्वत: संज्ञान लिया था. शीर्ष न्यायालय के समक्ष वकीलों के एक समूह ने बुधवार को यह मुद्दा उठाते हुए न्यायालय से इस विषय में संज्ञान लेने को कहा था. यह मुद्दा न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए शुक्रवार को आएगा. लापता हुई छात्रा ने एक वीडियो क्लिप में आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद उसे प्रताड़ित कर रहे थे, जिसके बाद शाहजहांपुर पुलिस ने मंगलवार को चिन्मयानंद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
छात्रा के पिता ने पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद ने उसका (छात्रा का) यौन उत्पीड़न किया है. हालांकि, भाजपा नेता के वकील ने इस आरोप का खंडन करते हुए दावा किया था कि यह उन्हें ब्लैकमेल करने की एक साजिश है. महिला के पिता ने आरोप लगाया कि वह (छात्रा) मुमुक्षु आश्रम के प्रमुख एवं 72 वर्षीय भाजपा नेता के इशारे पर लापता की गई. वह आश्रम द्वारा संचालित एक कॉलेज में स्नातकोत्तर (पीजी) की छात्रा है. वकीलों के समूह ने प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई को संबोधित एक पत्र में उनसे मीडिया में आई उन खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था,जिनमें दावा किया गया था कि छात्रा पिछले तीन दिनों से लापता है.
पत्र में लिखा गया था, “इस न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकील संबद्ध लड़की की कुशलता को लेकर अत्यधिक परेशान और चिंतित हैं. हम बतौर समाज एक और ‘उन्नाव मामला’ नहीं होने दे सकते.” साथ ही, न्यायालय से इस विषय में संज्ञान लेने और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक तथा कॉलेज के प्राचार्य को नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया था ताकि छात्रा का पता लगाने के लिए फौरन कार्रवाई की जा सके और उसे और उसके परिवार को सुरक्षा दी जा सके. पत्र में वीडियो क्लिप के बारे में खबरों का भी जिक्र किया गया है, जिसमें महिला खुद को और अपने परिवार को खतरे के बारे में बोल रही थी.