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मुफ्त में सब्जी न देने पर पुलिस ने नाबालिक को भेजा जेल, मीडिया में खबर आने पर CM ने दिये जाँच के आदेश

लखनऊ-पटना: पुलिस की काली करतूत एक बार फिर उजागर हुई है। मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर नाबालिग बच्चे को गिरफ्तार करने का मामला सामने आने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाते हुए इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी इम मामले की जांच करेंगे और दो दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे। फिर जांच के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

घटना 19 मार्च की है जब पटना के पत्रकार नगर थानाक्षेत्र में पुलिस ने मुफ्तमें  सब्जी नहीं देने पर नाबालिग पर बाइक चोरी का आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया था। नाबालिग आरोपी के पिता का कहना है कि पुलिस वाले पेट्रोलिंग के दौरान आते थे और फ्री में सब्जी ले जाते थे। एक दिन मुफ्त में सब्जी नहीं दी तो उन्होंने मेरे बेटे को धमकी दी थी। उसके बाद उनलोगों ने मेरे बच्चे पर बाइक लूट का झूठा आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया। पीड़ित के पिता ने बताया कि तीन महीने से थाने से लेकर एसएसपी तक सबसे गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

पालीगंज निवासी एक सब्जी विक्रेता अपनी पत्नी, बेटे और बेटी के साथ पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर में किराए के मकान में रहता है। वह और उसका नाबालिग बेटा महात्मा गांधी नगर में ठेले पर सब्जी बेचते हैं। 19 मार्च की शाम साढ़े सात बजे बेटा सब्जी बेचकर घर लौटा तभी पुलिस की एक जीप आई। पुलिस ने बच्चे से कहा- चलो, तुमको बड़ा बाबू बुला रहे हैं।

यह कहकर पुलिसवाले मेरे बेटे को जीप में बिठाकर ले गए। अपने भाई को बचाने के लिए मेरी बेटी कुछ दूर पुलिस की जीप के पीछे दौड़ी। यह पूरा वाकया सामने की मिठाई दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है।पिता ने बताया कि जब रात 11 बजे तक मेरा बेटा नहीं लौटा तो मैं पत्रकार नगर थाने में गया। वहां से कोई जवाब नहीं मिला। दूसरे दिन मैं फिर थाने गया तो मुझसे गांधी मैदान स्थित रंगदारी सेल में जाकर पता करने के लिए कहा गया। रंगदारी सेल के पदाधिकारियों ने भी मुझे कोई जवाब नहीं दिया।

21 मार्च को मैं पत्रकार नगर थाने से बाईपास थाने भेजा गया तो पता चला कि बाइक लूटने के आरोप में मेरे बेटे को वैशाली के राघोपुर निवासी नीतेश कुमार अगमकुआं निवासी विशाल कुमार के साथ जेल भेज दिया गया है। जब मैं बेटे से जेल में मिलने गया तो उसने मुझे बताया कि वह नीतेश और विशाल को जानता तक नहीं है। उसे बुरी तरह पीटा गया और सादे पन्ने पर उससे दस्तखत कराए गए थे।

यह बात जब मीडिया के द्वारा सामने लाई गई तो पुलिस हरकत में आई। पटना के जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने कहा कि ये गंभीर मामला है। इस मामले पर उन्होंने एसएसपी को जांच कर तुरंत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है और कहा है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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