नई दिल्ली: पूर्व सेनाध्यक्ष और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि पुलवामा हमले का जवाब जल्दबाजी में देना गलत होगा, इसके लिए संयम रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अमेरिको ने भी ओसामा बिन लादेन को भी एक दिन में ही नहीं मार गिराया था। हमें भी ‘देखो और इंतजार करो’ पर अमल करना होगा और सुरक्षा बलों को समर्थन देना होगा। वीके सिंह ने पीडीपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि दक्षिण कश्मीर में 2005 से 2012 के बीच शांति थी। मगर 2012 के बाद वहां क्यों अशांति फैल रही है, आखिर ऐसा क्या हुआ? उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक गठबंधन सरकार सत्ता में आई। जिसमें एक के पास घाटी में व्यापक समर्थन रहा तो दूसरे के पास जम्मू में। लिहाजा पूर्ववर्ती नीतियों की भी समीक्षा करने की जरूरत है।
पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारत सीआरपीएफ के काफिले पर हाल ही में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए समय और जगह का चयन करेगा क्योंकि इसे पूरी तरह योजनाबद्ध और सोचा समझा होना चाहिये। सुरक्षा बल किस तरह की योजना बना रहे हैं वह उनके संज्ञान में तो नहीं है पर सफलता पाने के लिए ‘‘कोई युद्ध, युद्ध जैसी या दंडात्मक कार्रवाई’’ की योजना निश्चित ही होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि कश्मीर का मुद्दा सरल नहीं है। यह युद्ध का मुद्दा है। यह एक मुद्दा है जिसके लिए चीजें पहले की जानी चाहिए थी। वीके सिंह ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग थलग पड़ गया है। 40 से अधिक देशों ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े बयान जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी विदेश और कूटनीतिक नीति की बड़ी सफलता है क्योंकि मुंबई में हुये 26ध्11 हमले के बाद भारत को समर्थन देने वाले देशों की संख्या की तुलना में अभी समर्थन करने वाले देशों की संख्या अधिक है।