उत्तराखंड: पुलवामा आंतकी हमले के बाद राजधानी देहरादून सहित राज्यभर में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं शुक्रवार को देहरादून में पढ़ने वाले दो कश्मीरी छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ की गई अभद्र टिप्प्णी के बाद कई कश्मीरी छात्रों से उनके मकान मालिकों मकान खाली करवा दिए हैं। देहरादून के सुद्धोवाला क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं जिन संस्थानों में कश्मीरी छात्र पढ़ रहे हैं उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। वहीं पुलवामा आंतकी हमले के विरोध में आज राजधानी देहरादून के बाजार बंद रहे पुलवामा घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने आम लोगों से अपील की है कि कानून को हाथ में न लें। देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त लोगों की सूचना पुलिस को दें।
पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी। राजधानी दून समेत अन्य जनपदों में आंतकी गतिविधियों को लेकर उड़ी अफवाहों और सोशल मीडिया पर जारी संदेशों के बाद पुलिस अलर्ट हो गई। पुलिस ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल आदि संवेदनशील जनपदों की सुरक्षा बढ़ा दी है। डीजी अशोक कुमार ने सभी एसएसपी, एसपी को निर्देश दिए कि संवेदनशील स्थानों पर गश्त, पिकेट और चेकिंग कड़ी की जाए। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश जायज है, पुलिस को भी इसका दुख है। लेकिन किसी को भी कानून हाथ में न लेने दें। उन्होंने खुफिया एजेंसी, थाना और चौकी पुलिस को पब्लिक प्लेस, समुदाय विशेष और अन्य स्थानों पर नजर रखने को कहा। सोशल मीडिया पर प्रसारित संदेश को भी गंभीरता से लेने को कहा। किसी भी तरह की सूचना को हल्के में न लें। जम्मू-कश्मीर के कुछ छात्र हल्द्वानी के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
ऐसे छात्रों की एलआईयू ने जांच कर दस्तावेज खंगाले और रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में नर्सिंग कॉलेज हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा चल रहा है। हल्द्वानी के लिए वर्ष 2017 में 3, वर्ष 2018 में 2, अल्मोड़ा के लिए वर्ष 2018 में 2 और पिथौरागढ़ के लिए वर्ष 2018 में एक छात्र ने दाखिला लिया है। सूत्रों की मानें तो एलआईयू ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर नर्सिंग कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों का पूरा विवरण जुटाया और उनके प्रपत्रों की जांच की। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि दाखिले के लिए कोटे के तहत सीटें होती हैं और केंद्र सरकार की ओर से भेजा जाता है। बताया कि एलआईयू समय-समय पर छात्रों का सत्यापन करती रहती है। मेडिकल कॉलेज में कश्मीरी विस्थापित भी पढ़ रहे हैं। एलआईयू सत्यापन की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजती है। एसएसपी सुनील कुमार मीणा का कहना है कि जांच कराना एक सामान्य प्रक्रिया है।