लखनऊ: पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर इस बार अपने खजाने को लेकर नहीं, बल्कि एक चाबी को लेकर विवादों में है. दरअसल, यहां के खजाने की चाबी कथित तौर पर गायब हो गई है. इसे लेकर हाल ही में पुरी के शंकराचार्य और राज्य में विपक्षी दल बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया है.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य रामचंद्र दास महापात्रा ने बताया कि 4 अप्रैल को समिति की बैठक हुई थी, जिसमें यह बात सामने आई कि खज़ाने के अंदर के कमरे की चाबी गायब हो गई है. ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश के बाद 16 सदस्यों की एक टीम ने 34 सालों के बाद जांच के लिए उस कमरे में प्रवेश किया, जिस कमरे में खजाना रखा हुआ था. महापात्रा ने आगे बताया कि चाबी ना तो श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के पास है और ना ही पुरी जिला कोषागार को इसके बारे में पता है.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि जांच टीम के सदस्यों को अंदर के कमरे में जाने की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि यह बाहर लगे एक लोहे के ग्रिल से ही साफ दिखता है. दास महापात्र ने बताया कि न तो मंदिर प्रशासन और न ही पुरी जिला कोषागार के पास अंदर के कमरे की चाबी है. इस बात का पता दो महीने बाद चला है.
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सोमवार को इस घटना के लिए ओडिशा सरकार की आलोचना की. वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से इस घटना पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है. शंकराचार्य ने कहा कि यह घटना बताती है कि राज्य सरकार और मंदिर प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में नाकाम रही.
राज्य में भाजपा के प्रवक्ता पीतांबर आचार्य ने संवाददाताओं को बताया, “मुख्यमंत्री को इसके लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए कि चाबी कैसे गायब हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है.”ओडिशा हाईकोर्ट 2016 से मंदिर में भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा हो रहे मंदिर के पुनरुद्धार के काम पर निगरानी रख रहा है.