नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम की 2000 रुपए की दूसरी किस्त किसानों के बैंक खाते में भिजवा दी है। बैंक से उनके मोबाइल पर मैसेज आना शुरू हो गया है। हालांकि, सरकार ने एक अप्रैल को ही यह रकम भेजने का दावा किया था। चुनाव से पहले किसानों के अकाउंट में चार-चार हजार रुपए पहुंच गए। पिछले सप्ताह स्कीम के सीईओ विवेक अग्रवाल ने बताया था कि 3 करोड़ 27 हजार किसानों को दूसरी किस्त दी जाएगी। अग्रवाल के मुताबिक, 31 मार्च तक 3 करोड़ 27 हजार किसानों को पहली किस्त भेजी गई थी। जबकि रजिस्ट्रेशन 4.76 करोड़ किसानों का हुआ था।
इसलिए बचे हुए लोगों को पहली किस्त भी भेजी जाएगी। मोदी सरकार ने किसानों से जुड़ी अपनी सबसे अहम योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री-किसान सम्मान निधि स्कीम की दूसरी किस्त जारी करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। आयोग ने अनुमति देते हुए कहा था कि सिर्फ उन्हीं किसानों को 2000 रुपए की अगली किस्त भेजी जाएगी जिनका रजिस्ट्रेशन आदर्श आचार संहिता (10 मार्च ) लागू होने से पहले हुआ है। इस स्कीम में किसानों को नगद रकम मिल रही है, इसलिए यह शुरू से ही मोदी विरोधियों के निशाने पर रही है।
क्योंकि इसे आम चुनाव से ठीक पहले शुरू किया गया। पीएम नरेंद्र ने 24 फरवरी को गोरखपुर में इसकी शुरुआत की थी। 12 करोड़ किसानों को सालाना 6000-6000 रुपए देने का ऐलान हुआ। उसी दिन पूर्व वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, श्आज श्वोट के लिए नकदी दिवस है। बीजेपी सरकार वोट के लिए अधिकारिक रूप से हर किसान परिवार को 2,000 रुपए का रिश्वत देगी। सबसे शर्मनाक यह है कि चुनाव आयोग वोट के लिए रिश्वत को रोकने में असफल है। निवर्तमान कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक करीब सवा सात करोड़ किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है जबकि आचार संहिता लगने से पहले 4.76 करोड़ किसानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका था। देश में 12 करोड़ किसानों को इस स्कीम के तहत खेती के लिए सालाना 6000 हजार रुपए दिए जाने हैं।