युवराज सिंह के क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उनके पिता योहराज सिंह ने अपने बेटे से संबंधित कई राज खोले हैं. उन्होंने कहा कि जब युवराज को कैंसर हुआ तो मैं अकेले कमरे में रोया था. साथ ही उन्होंने बताया कि युवराज ने उनसे कहा था कि अगर वो मर भी गया तो वो उसके हाथ में वर्ल्ड कप की ट्रॉफी देखेंगे. संन्यास की घोषणा पर युवराज ने कहा था कि इस फैसले को लेकर मैंने पिता के साथ बैठकर बातें कीं. हमने काफी चर्चा की और फिर यह फैसला लिया कि अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट को अलविदा कह देना चाहिए. युवराज के पिता योगराज ने एक मीडिया हाउस से इंटरव्यू में कहा, ‘युवराज तब छह साल का था जब मैं उसे सेक्टर-16 के स्टेडियम लेकर गया था, जहां मैं अभ्यास करता था. वहां पेस अकादमी हुआ करती थी और मैं युवराज को बिना हेलमेट के बल्लेबाजी करने को कहता था.’ युवराज के पिता ने कहा, “वो स्टेडियम में रोज डेढ़ घंटे दौड़ा करता था. मुझे याद है कि मेरी मां जब अपनी जिंदगी से जूझ रही थी तब उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं इतनी कड़ी ट्रेनिंग से युवराज की जिंदगी बर्बाद कर रहा हूं, तब जिंदगी में पहली बार मुझे अपने बेटे के साथ इस तरह का बर्ताव करने पर पछतावा हुआ.”
युवराज के कैंसर के बारे में योगराज ने कहा, “जब उसे कैंसर हुआ तो मैं काफी रोया. मैंने भगवान से कहा था कि यह कहानी ऐसे खत्म नहीं हो सकती. मैं अपने कमरे में अकेला रोया. मैं उसके सामने नहीं रोया. उसने मुझसे कहा था कि पापा अगर मैं मर भी गया तो मैं चाहता हूं कि आप और यह पूरा देश मेरे हाथों में वर्ल्ड कप ट्रॉफी देखें.” युवराज के अपने पिता से रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं, लेकिन हाल ही में युवराज ने कहा था कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही अपने पिता से बात कर सभी मुद्दों को खत्म कर दिया है. योगराज ने भी कहा कि हाल ही हमें इन दोनों ने सभी कड़वाहट को खत्म किया है और अब दोनों के रिश्ते अच्छे हैं.