नई दिल्ली: वर्ष 2016 में नोटबंदी और उसके बाद अप्रैल 217 में जीएसटी लागू होने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर को सबसे अधिक नकुसान उठाना पड़ा था लेकिन वर्ष 2017 में इस सेक्टर में निवेश की बात करें तो यह चौंकाने वाले हैं। पिछले 10 साल के आंकड़े पर नजर डालें तो रियल सेक्टर में सर्वाधिक 7.1 बिलियन डॉलर का निवेश प्राइवेट इक्विटी फंड के तौर पर किया गया है। यह निवेश मुख्य रूप से व्यवसायिक क्षेत्र में किया गया है। आकंड़ों की मानें तो वर्ष 2008 में 7 बिलियन डॉलर का निवेश इस क्षेत्र में हुआ था लेकिन उसके बाद 2009 में यह बुरी तरह से प्रभावित हुआ और 1.3 बिलियन डॉलर पर आ गया था। अमेरिका स्थित सीबीआई रिसर्ज के मुखिया अभिनव जोशी ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में जो अधिकतर निवेश हो रहा है वह आवासीय क्षेत्र में हुआ है। वर्ष 2015 तक कार्यालय के लिए 40 मिलियन स्क्वॉयर फीट जगह हर वर्ष इस्तेमाल हो रही थी लेकिन पिछले वर्ष यह बढ़कर 42.5 मिलियन स्क्वॉयर फीट तक पहुंच गया, वहीं 2018 में इसके 40 मिलियन स्क्वॉयर फीट से अधिक रहने की उम्मीद है। व्यवसायिक क्षेत्र में कार्यालय को किराए पर लेने का मांग काफी बढ़ी है, इस वजह से आने वाले समय में इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है।
2017 में डीएलएफ-जीआईसी के बीच हुई डील के बाद सिंगापुर की कंपनी ने 600 डॉलर मिलियन डॉलर का निवेश किया था। आवासीय क्षेत्र में जिस तरह से बड़ा निवेश हुआ है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में अब व्यवसायिक श्रेत्र में निवेश और बढ़ सकता है। जोशी ने बताया कि पिछले 4-5 सालों में प्राइवेट सेक्टर ने काफी रुचि दिखाई है और काफी निवेश हुआ है।
पिछले 10 साल के सर्वाधिक स्तर पर पहुंचा रियल सेक्टर में निवेश
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