नई दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी में अंतर्कलह की बात को खारिज करते हुए कहा है कि उनका किसी नेता के साथ मनमुटाव नहीं है और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर सहित सभी नेताओं को साथ लेकर चलना चाहिए. हालही में कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख और विधायक दल के नेता नियुक्त किए गए हुड्डा ने यह भी कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में ‘मोदी फैक्टर’ नहीं होगा क्योंकि जनता मुख्यमंत्री को ध्यान में रखकर और उनकी एवं खट्टर की सरकारों के कामों की तुलना करते हुए वोट करेगी. रोहतक की रैली में अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस के रुख की खुलकर आलोचना करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 370 पर कानून बन जाने के बाद अब यह विषय खत्म हो गया है.
हुड्डा ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘सारे हालात के मद्देनजर पार्टी आलाकमान ने जो फैसला किया है, उससे मैं संतुष्ट हूं. चुनाव सामने है और सबको इकट्ठा होकर चुनाव लड़ना चाहिए.’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘यह सही बात है कि फैसले में देरी हुई, लेकिन चलो फैसला हुआ तो सही.’ यह पूछे जाने पर कि क्या तंवर से उनका मनमुटाव है और वह उन्हें एवं दूसरे वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलेंगे तो हुड्डा ने कहा, ‘मेरा किसी से कोई मनमुटाव नहीं है. पार्टी को सबको साथ लेकर चलना चाहिए.’ गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाई के नेताओं की आपसी कलह को दूर करने का प्रयास करते हुए गत बुधवार को कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष और हुड्डा को विधायक दल का नेता एवं चुनाव प्रबंधन समिति का प्रमुख नियुक्त किया है. हरियाणा में अक्टूबर के आखिर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं जिनमें से 17 आरक्षित हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने एक तरह से उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है तो हुड्डा ने कहा, ‘पार्टी का अपना तरीका है. 2005 में कोई चेहरा घोषित नहीं किया गया था. फिलहाल मुख्यमंत्री अलग बात है, पहले हमें कांग्रेस की सरकार बनानी है.’ अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस से अलग रुख जाहिर करने के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमने इस बारे में बोला था, लेकिन अब तो यह कानून बन गया. जब कानून बन जाता है तो फिर कौन विरोध करेगा.’ इस सवाल पर कि क्या हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी ”मोदी फैक्टर” होगा तो उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में मोदी फैक्टर था और मोदी लहर चली, लेकिन यह चुनाव प्रधानमंत्री चुनने के लिए नहीं है.’
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं. खट्टर सरकार की बहुत विफलताएं हैं. इससे पहले हमारी 10 साल तक सरकार थी जिसमें हमारी उपलब्धियां हैं. लोग दोनों सरकारों की उपलब्धियों को तौलेंगे और फैसला करेंगे.’ उन्होंने भाजपा पर हरियाणा में अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस चुनाव में वह बेरोजगारी पर अंकुश लगाने, कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने और राज्य में विकास की गति तेज करने के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे. छोटे दलों के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब तक किसी गठबंधन का प्रस्ताव नहीं आया है, लेकिन जब आएगा तो देखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उनके और दीपेंद्र हुड्डा के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है.