पेशावर: पाकिस्तान में इमरान सरकार के एक मंत्री हिंदू समुदाय पर अभद्र टिप्पणी अपनी ही पार्टी (तहरीक-ए-इंसाफ) के वरिष्ठ सदस्यों के निशाने पर आ गए हैं। यहां पंजाब के सूचना और संस्कृति मंत्री फैजुल हसन चौहान ने कहा है कि हिंदू गाय का मूत्र पीने वाले लोग हैं। एक न्यूज एजैंसी के मुताबिक सूचना मंत्री ने बीते महीने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा है, गाय का मूत्र पीने वाले लोगों, सुनो, हम लोग मुस्लिम हैं और हमारे पास झंडा है, मौला अली के शौर्य का झंडा, हजरत उमर की वीरता का झंडा। इस झंडे का किसी भी चीज से क्या लेना-देना है? इस भ्रम में न रहें कि आप हमसे सात गुना बेहतर हैं, हम जो हैं वो आप नहीं हो सकते, आप मूर्ति पूजा वाले। उनके इस बयान के बाद इस पर खेद जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में चौहान ने ये बात भारत पाकिस्तान में चल रहे तनाव के बीच कही है जो पुलवामा आतंकी हमले के बाद काफी बढ़ गया था।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर आत्मघाती हमला किया गया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। अल्पसंख्यकों पर चौहान की ऐसी टिप्पणी की मानव अधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने निंदा की। उन्होंने कहा, किसी को किसी के धर्म पर हमला करने का कोई अधिकार नहीं है। हमारे हिंदू निवासियों ने अपने देश के लिए कई बलिदान किए हैं। हमारे प्रधानमंत्री का संदेश हमेशा सहिष्णुता और सम्मान का होता है और हम किसी भी प्रकार की कट्टरता या धार्मिक घृणा के प्रसार का समर्थन नहीं कर सकते।
राजनीतिक मामलों के विशेष सहायक मंत्री नाइमुल हक का कहना है कि चौहान के बयान पर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ये हिंदू समुदाय का अपमान करने वाला बयान है। सरकार के मंत्री या फिर और किसी भी व्यक्ति की बकवास को बर्दाशत नहीं किया जाएगा। एक अन्य मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान का झंडा केवल हरा नहीं है बल्कि यह सफेद के बिना अधूरा है। सफेद रंग अल्पसंख्यकों को दर्शाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में हिंदू कुल जनसंख्या का 1.6 फीसदी हैं। हिंदू धर्म पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई में भी कई हिंदू सदस्य हैं।