इस्लामाबाद: पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अल अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग को लेकर सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का रूख किया। इस महीने की शुरूआत में सुप्रीम कोर्ट ने तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ (69) की, स्वास्थ्य के आधार पर स्थायी जमानत और इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति की मांग करने वाली पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था।शरीफ, छह सप्ताह की जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद अपनी सात साल कैद की सजा काटने के लिए सात मई को कोट लखपत जेल वापस आए थे।यह जमानत उन्हें चिकित्सा आधार पर दी गई थी ।
जिसमें शर्त थी कि वह पाकिस्तान से बाहर नहीं जाएंगे। एक्सप्रेस टिब्यून ने खबर दी है कि उच्च न्यायालय में शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस की ओर से दायर याचिका में स्विट्जरलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन के विशेषज्ञों और डॉक्टरों की राय को शामिल किया गया है। याचिका में बताया गया है, ‘‘मेडिकल बोर्ड के मुताबिक, नवाज कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। खबर के मुताबिक, डॉक्टरों ने सिफारिश की है कि शरीफ की स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं है और तनाव उनके जीवन के लिए खतरा साबित हो सकता है।
याचिका में बताया गया है कि यहां तक कि शरीफ का रक्तचाप और शर्करा का स्तर भी सामान्य नहीं है। इस याचिका में कहा गया है कि विशेष मेडिकल बोर्ड के सभी सदस्यों, लाहौर के शेख जायद अस्पताल और नेशनल हॉस्पिटल के डॉक्टरों और ब्रिटेन, अमेरिका तथा स्विटजरलैंड के डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की एकमत राय है कि जेल परिसरों में शरीफ का इलाज संभव नहीं है। 24 दिसंबर 2018 से लाहौर की कोटलखपत जेल में सात साल कैद की सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को इलाज के लिए 26 मार्च को छह सप्ताह की जमानत मिली थी। शरीफ ने 27 अप्रैल को समीक्षा याचिका दाखिल की थी।