पेशावर: मुबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता और खूंखार आतंकी हाफिज सईद अब लेखक भी बन गया है। उसने एक उर्दू अखबार में लेख लिखा है जिससे पत्रकारों के बीच और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि मीडिया घराने ने एक आंतकी को कश्मीर मुद्दे और 1971 में बांग्लादेश के गठन पर लिखने की इजाजत कैसे दी? विवार को दैनिक दुनिया में ‘‘प्रोफेसर हाफिज मोहम्मद सईद’’ के नाम से उसने ‘‘पूर्वी पाकिस्तान पर भारत का अवैध आक्रमण कश्मीरी लोगों की हिमायत से क्यों परहेज कर रहा पाकिस्तान’’ विषय पर लिखा है।
यह अखबार मियां अमर महमूद के दुनिया मीडिया ग्रूप का उर्दू प्रकाशन है। उसने ‘कन्ट्रिब्यूटरिंग राइटर’ के तौर पर आलेख लिखा है। इसमें ढाका में हाथों में बंदूक लिए हुए कुछ नौजवानों और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक तस्वीर भी है । जाने-माने मीडिया घराने के अखबार में प्रतिबंधित आतंकी समूह के प्रमुख को लिखने की अनुमति देने पर पत्रकारों ने सवाल किया है कि क्या कंपनी ने मालिक के साथ कुछ सीधे जुड़ाव के कारण उसे यह लिखने की अनुमति दी या कोई अन्य दबाव था।
पाकिस्तान की एक अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि पाकिस्तानी मीडिया सईद की तस्वीर प्रकाशित नहीं करे। बता दें कि वर्ष 2008 में मुंबई के आतंकी हमले के बाद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने सईद को वैश्विक आतंकवादी करार दिया था और नवंबर 2008 में उसे नजरबंद कर दिया था लेकिन अदालत के फैसले के कारण कुछ महीने बाद रिहा कर दिया गया।