नई दिल्ली: दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान की हालत दिन पर दिन बदतर हो रही है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया शुक्रवार को 148 रुपए के स्तर को छू गया। अखबार में छपी खबर के मुताबिक इसके साथ ही खाने-पीने के सामान के साथ ही पेट्रोल-डीजल के दामों में भी इजाफा हो गया है, जिससे वहां की अवाम का जीना मुहाल हो गया है। वहीं सरकार ने कहा है कि वो आने वाले दिनों में बिजली और रसोई गैस की कीमतों में भी इजाफा कर देगी। इमरान सरकार ने इस महीने की शुरुआत में ही तेल की कीमतों में व्यापक बढ़ोतरी कर दी है। जहां डीजल की कीमत 119 पाकिस्तानी रुपए है, वहीं पेट्रोल की कीमतें छह रुपए तक बढ़ा दी गई हैं। नई दरों के मुताबिक, अब पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल 98.88 पाकिस्तानी रुपए में बिक रहा है। पाकिस्तान में 10 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
इसके चलते गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में 40 लाख की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पाकिस्तान के पास आयात करने के लिए भी पर्याप्त पैसा नहीं है। पाकिस्तान का विदेशी पूंजी भंड़ार फिलहाल, 8.5 अरब डॉलर का है। लेकिन, यह दो महीने के आयात के लिए भी काफी नहीं है। पाकिस्तान में मार्च 2019 के दौरान महंगाई की दर पांच वर्ष के उच्चतम स्तर 9.41 फीसदी पर पहुंच गई है। महंगाई का यह स्तर अप्रैल 2014 के बाद का सर्वाधिक है। उस समय महंगाई 9.2 फीसदी आंकी गई थी। मार्च महीने में ही महंगाई एक माह पहले की तुलना में 1.42 फीसदी बढ़ गई है।एशियाई विकास परिदृश्य 2019 के अनुसार, कृषि क्षेत्र में सुधार के बावजूद 2018 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ी है। पाकिस्तान की विस्तारवादी राजकोषीय नीति ने बजट और चालू खाते के घाटे को व्यापक रूप से बढ़ाया और विदेशी मुद्रा का भारी नुकसान किया है।