इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अवैध रूप से पाकिस्तान जल सीमा के भीतर पहुंचे 34 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है. मछुआरों पर पाकिस्तान का आरोप है कि उन्होंने जल सीमा का उल्लंघन किया है. हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के 60 कैदियों को रिहा कर दिया था. पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि मछुआरों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और उन्हें स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया है. पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सभी गिरफ्तार किए गए मछुआरों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. मजिस्ट्रेट इस बात को तय करेंगे कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाए या नहीं.
इस साल जनवरी के बाद यह पहली बार है, जब समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है. पाकिस्तान ने जनवरी में पांच गुजराती मछुआरों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था. पुलवामा में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिए 29 अप्रैल को पाकिस्तान ने ‘सद्भावना’ के तहत 55 भारतीय मछुआरों और पांच नागरिकों को रिहा किया था. पाकिस्तान सरकार ने अप्रैल में कराची की लांधी और मालिर जेलों से 250 से ज्यादा मछुआरों को रिहा किया था. मछुआरों को तीन चरणों में रिहा किया गया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पहले ऐलान किया था कि सद्भावना के तहत अप्रैल में, चार अलग-अलग समूहों में 360 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाएगा.
यह नई बात नहीं है जब पाकिस्तान ने भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है. पाकिस्तान और भारत अक्सर मछुआरों को गिरफ्तार करते हैं. अरब सागर में समुद्री सीमा का कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं किया जा सका है. सामान्य मछुआरों के पास अपनी सटीक स्थिति जानने के लिए तकनीक से लैस नावें भी उपलब्ध नहीं हैं. लंबी और धीमी नौकरशाही और कानूनी प्रक्रियाओं के कारण, मछुआरे आमतौर पर कई महीनों तक और कभी-कभी वर्षों तक जेल में रहते हैं. जनवरी में भारत और पाकिस्तान ने कैदियों की सूची की अदला-बदली की थी जिसके तहत भारतीय जेलों में 347 पाकिस्तानी कैदी हैं, जिनमें से 249 नागरिक और 98 मछुआरे बताए गए हैं.