इस्लामाबाद: नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के बीच राहत पैकेज को लेकर बातचीत सप्ताहांत भी जारी रहेगी. स्थानीय मीडिया ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लोगों पर कर का बोझ डालने को तैयार नहीं हो रहे हैं. इससे दोनों पक्षों के बीच जारी बातचीत ठहराव के कगार पर पहुंच गयी है. आईएमएफ दल के प्रमुख अर्नेस्टो रीगो अब भी यहां ही मौजूद हैं. पाकिस्तान को आईएमएफ से तीन साल के लिए करीब 6.50 अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलने की उम्मीद है.
स्थानीय अखबार ने पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता खकान हसन नजीब के हवाले से कहा कि हमने यहां आए आईएमएफ दल के साथ बातचीत में अच्छी प्रगति की है. परामर्श सप्ताहांत पर भी जारी रहेगा. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, आईएमएफ के साथ अभी तक हुई बातचीत मुख्य रूप से तीन ऐसे मुद्दे हैं, जिनके कारण बातचीत का निष्कर्ष नहीं निकल सका है. वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को गुरुवार तक यह उम्मीद थी कि बातचीत पूरी हो जायेगी और आईएमएफ दल ने 11 मई को वापस लौटने की योजना बनायी थी. हालांकि, आईएमएफ द्वारा कार्यक्रम में कुछ नयी शर्तें जोड़ने से बातचीत पटरी से उतर गयी.
इमरान खान इस साल जुलाई से लोगों पर अतिरिक्त कर बोझ डालने की शर्त पर सहमत नहीं हुए. यदि यह शर्त मानी जाती, तो दोनों पक्ष एक समझौते पर पहुंच सकते थे. पाकिस्तान अभी तक लचीली विदेशी मुद्रा विनिमय व्यवस्था, सरकारी सब्सिडी को बंद करने, केंद्रीय बैंक से कर्ज पर रोक तथा निजीकरण के कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने की शर्तों को मान चुका है. खबर के अनुसार, आईएमएफ की अधिकांश शर्तें पाकिस्तान द्वारा मान लेने के बाद भी बातचीत का निष्कर्ष नहीं निकल सका है. पाकिस्तान पिछले आठ महीने से आईएमएफ से राहत पैकेज लेने की कोशिश में जुटा हुआ है. यह पिछले पांच महीने में आईएमएफ के दल की पाकिस्तान की दूसरी यात्रा है. हालांकि, इस दूसरी यात्रा में भी तय समय तक निष्कर्ष पर पहुंचा नहीं जा सका है.