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पांच हजार करोड़ से होगा परिक्रमा मार्ग कायाकल्प: नितिन गडकरी

अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग को जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जायेगा और 361.5 किमी लंबे इस मार्ग का कायाकल्प पांच हजार करोड़ रूपये से किया जायेगा। गडकरी ने कहा कि नेशनल हाईवे एथारिटी आफ इण्डिया(एनएचएआई) शीघ्र ही ब्रज चैरासी कोस परिक्रमा के 361.5 किलोमीटर लम्बे मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करेगा और पांच हजार करोड़ खर्च कर परिक्रमा मार्ग संवारा जायेगा।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद एवं नेशनल हाईवे एथारिटी आफ इण्डिया ने मोटे रूप से इसके विकास की रूपरेखा तैयार की है।
इससे पहले ब्रज चैरासी कोस परिक्रमा का सर्वे किया गया था तथा यह जानकारी ली गई थी कि परिक्रमा मार्ग को बेहतर बनाने के लिए क्या करना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश व्रज तीर्थ विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने आज बताया कि ब्रज चैरासी कोस परिक्रमा में 45 किलोमीटर लम्बा मार्ग जहां राजस्थान के भरतपुर जिले में पड़ता है वहीं एक किलोमीटर लम्बा क्षेत्र हरियाणा के पलवल जिले मेें पड़ता है तथा 315.5 किलोमीटर लम्बा मार्ग मथुरा जिले में पड़ता है।

ब्रज चैरासी कोस परिक्रमा केा परिक्रमार्थियों के लिए बेहतर बनाने के बारे में मथुरा की सांसद हेमामालिनी ने न केवल सोंचा बल्कि केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इसे बेहतर बनाने का कई बार अनुरोध किया। उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों की घोषणा के कुछ समय पहले गडकरी ने ब्रज चैरासी कोस परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया था।

उन्होंने कहा कि चुनाव के कारण अभी तक इसका राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में नामकरण एवं नम्बरीकरण नही किया गया है। हर साल देश के विभिन्न प्रांतों के करोड़ो लोग आकर ब्रज चैरासी कोस की परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा के जीर्णोद्धार एवं बेहतर बनाने के कार्य में मथुरा के आठ तीर्थस्थलों मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, बरसाना, नन्दगांव, बल्देव और महाबन को जोड़ा जाएगा क्योंकि ये तीर्थस्थल श्यामाश्याम की लीलाओं के लिए मशहूर हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट में पांच हजार करोड खर्च किये जाएंगे।

उन्होंने बताया कि वैसे तो गहन विचार करके उ0प्र0 व्रज तीर्थ विकास परिषद एवं नेशनल हाईवे एथारिटी आफ इण्डिया ने मोटे रूप से तैयार कर लिया है कि इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत कौन से कार्य किये जाएंगे पर कार्यों का वास्तविक स्वरूप डीपीआर की स्वीकृति के बाद ही निखार आएगा। इस कार्य को करने के पहले सर्वे भी कराया जा चुका है। इस कार्य में मौके पर मौजूद जगह का देखते हुए कहीं पर दो लाइन का तो कहीं पर 6 लाइन का परिक्रमा मार्ग होगा।

परिषद के उपाध्यक्ष ने बताया कि तीर्थयात्रियों की परिक्रमा के लिए किनारे ऐसा फुटपाथ बनाया जाएगा जिससे परिक्रमार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो वहीं फुटपाथ के सहारे बड़ेे पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा। रात में परिक्रमा करने के लिए जहां प्रकाश व्यवस्था की जाएगी वहीं मशहूर तीर्थस्थलों का विवरण दर्शाते हुए साइनबोर्ड लगाए जाएंगे।

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