जयपुर : पहलू खान की हत्या का मामला भीड़ हिंसा को लेकर देश भर में चर्चित रहा। इस मामले में दोषी रहे आरोपियों को 14 अगस्त को अदालत ने बरी कर दिया था। अब राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को पहलू खान भीड़ हिंसा मामले की जांच एसआईटी से कराने का फैसला लिया है। पुलिस जांच में रही खामियों का पता लगाने के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। यह फैसला तब लिया गया है जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अलवर की अदालत के फैसले को ‘चौंकाने वाला’ बताया था। एसआईटी 15 दिन में सरकार को रिपोर्ट देगी कि मामले की जांच में कौन-कौनसी बड़ी खामियां रहीं और इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं। बता दें कि इस मामले में तीन नाबालिगों सहित नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था।
तीनों नाबालिगों पर बाल न्यायालय में मामला चल रहा है। अन्य छह आरोपियों विपिन यादव, रविंद्र, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार तथा भीम राठी के खिलाफ पुलिस ने आरोप तया किया था। प्रियंका गांधी ने शुक्रवार सुबह एक ट्वीट में पहलू खान मामले में निचली अदालत के फैसले को ‘चौंकाने वाला’ बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि पहलू खान मामले में निचली अदालत का फैसला चौंका देने वाला है। हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या जघन्य अपराध है।
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा भीड़ हिंसा द्वारा हत्या के खिलाफ कानून बनाने की पहल सराहनीय है। आशा है कि पहलू खान मामले में न्याय दिलाकर इसका अच्छा उदाहरण पेश किया जाएगा। इस मामले में बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर पहलू खान मामले में अदालत के फैसले पर हैरानी जताई। मायावती ने वर्तामान कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट कर लिखा कि राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान भीड़ हिंसा मामले में सभी छह आरोपी वहां की निचली अदालत से बरी हो गए, यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहां की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं।’