भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों के मद्देनजर राकांपा प्रमुख शरद पवार महा विकास आघाड़ी सरकार को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए पवार के इस दावे को खारिज कर दिया कि विवादास्पद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को पिछले वर्ष मुंबई पुलिस में फिर से बहाल करने के लिए न तो मुख्यमंत्री और न ही देशमुख जिम्मेदार हैं।
मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया कि राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख ने सचिन वाजे एवं अन्य पुलिस अधिकारियों से मुंबई के बार एवं होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था।
फडणवीस ने पूछा, ”मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की जानकारी के बगैर सचिन वाजे को कैसे महत्वपूर्ण पद और मामले दिए गए?”
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने पवार के इस बयान पर भी सवाल उठाए जिसमें राकांपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि परमबीर सिंह के दावे पर गौर करने के लिए वह सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जुलियो रिबेरो का सहयोग ले सकते हैं। उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के बाहर विस्फोटकों से भरी एसयूवी खड़ी करने के आरोप में कथित भूमिका के लिए सचिन वाजे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिरासत में ले रखा है।
फडणवीस ने आरोप लगाया, ”एमवीए सरकार (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) के कर्ता-धर्ता के रूप में पवार सरकार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पवार का आज का संवाददाता सम्मेलन सरकार को बचाने का प्रयास है। वास्तव में यह सच्चाई से भागने का प्रयास है।” उन्होंने देशमुख के इस्तीफे और सिंह के आरोपों की जांच के लिए अदालत की निगरानी में जांच की मांग को फिर से दोहराया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, ”पवार को कहना चाहिए कि वाजे को मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के निर्देश पर फिर से बहाल किया गया और उनके आशीर्वाद से उन्हें महत्वपूर्ण मामले और पद दिए गए।” इस बीच नागपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने देशमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर रविवार को प्रदर्शन किया। देशमुख के आवास के बाहर यहां भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किए।