लखनऊ/नई दिल्ली : गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के इलाज के लिए दिल्ली आते ही राज्य में सियासी उथलपुथल शुरू हो गया. कांग्रेस ने इस दौरान इस तटीय राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है. ऐसे में हालात से निपटने के लिए भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अब मोर्चा संभाल लिया है.
अमित शाह ने रविवार को राज्य मंत्री और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख विजय सरदेसाई से मुलाकात की और उन्हें सूचित किया कि बीजेपी तटीय राज्य में पर्यवेक्षकों की एक टीम भेज रही है.
महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के नेता और पीडब्ल्यूडी मंत्री सुदीन धावलिकर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अफवाहों के बाद सरकार की सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायक और तीन निर्दलीय विधायकों ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी.
गोवा विधानसभा में सरदेसाई की जीएफपी और धावलिकर की एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं. बीजेपी के 40 विधायकों में 14 विधायक हैं. बीजेपी के पास सहयोगियों और निर्दलीयों को मिलाकर कुल 24 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि विपक्षी कांग्रेस के पास 16 विधायक हैं.
62 वर्षीय पर्रिकर, जो अग्नाशय की बीमारी से पीड़ित हैं और इलाज के लिए नई दिल्ली में एम्स में भर्ती हैं.
एम्स में इलाज के लिए पर्रिकर के भर्ती होने के कुछ ही घंटे बाद एमजीपी अध्यक्ष दीपक धावलिकर ने मांग की थी कि “वरिष्ठ मंत्री” को सरकार का प्रभार सौंपा जाए. पर्रिकर कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री धवलिकर के भाई सुदीन धावलिकर हैं. हालांकि बीजेपी ने गोवा में किसी भी बदलाव से इनकार कर दिया है और कहा है कि पर्रिकर ठीक काम कर रहे थे, जबकि कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा चौथी बार किया है.
कांग्रेस नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा, ’40 सदस्यीय विधानसभा में 16 सदस्यों वाली कांग्रेस ने गवर्नर को एक ज्ञापन सौंप दिया है और विधानसभा को भंग न करने और पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का अनुरोध किया है.’