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परीक्षा केन्द्र यथासंभव 08 किलोमीटर की परिधि में होने चाहिए: डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर नियंत्रण करने, परीक्षाओं की सुचिता, पवित्रता एवं पारदर्शिता तथा शान्ति व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से परीक्षा के सफल आयोजन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किए गए हैं। परीक्षाओं के दैनिक अनुश्रवण हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, प्रयागराज को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने निर्देश दिये हैं कि राज्य विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध, संयुक्त एवं संघटक महाविद्यालयों में स्व-केन्द्र के स्थान पर बनाये गये यथासंभव निकटतम महाविद्यालयों के परीक्षा केन्द्रों पर आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करा ली जायें ताकि परीक्षा सुचारू रूप से सम्पन्न कराने में किसी प्रकार की असुविधा न होने पाये।

उन्होंने कहा कि छात्राओं के लिए स्व-केन्द्र प्रणाली को लागू रखा जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्र यथासंभव 08 किलोमीटर की परिधि में हों। उन्होंने कहा कि जिन महाविद्यालयों की छात्राओं को स्वकेन्द्र की सुविधा प्रदान की जाए वहां वाह्य अतिरिक्त केन्द्राध्यक्ष के साथ कम से कम 50 प्रतिशत स्टाफ वाह्य महाविद्यालयों से तैनात कराए जाएं। डाॅ0 पाण्डेय ने यह भी निर्देश दिए हैं कि विगत तीन वर्षों में सचल दल एवं उच्च शिक्षा विभाग अथवा जिला प्रशासन के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों द्वारा जिन परीक्षा केन्द्रों पर सामूहिक नकल की स्थिति पाये जाने पर परीक्षा निरस्त करने के फलस्वरूप पुनः परीक्षा सम्पादित करानी पड़ी हो और उन महाविद्यालयों को परीक्षा समितिध्शासन द्वारा डिबार किये जाने का निर्णय लिया गया हो, उन्हें कतई परीक्षा केन्द्र न बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों की आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं में महाविद्यालय की स्थिति, उसकी धारण क्षमता, फर्नीचर, विद्युत कनेक्शन, पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था तथा सड़क मार्ग से महाविद्यालयों के मध्य दूरी इत्यादि को अवश्य दृष्टिगत रखा जाए। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं को यदि उनका महाविद्यालय परीक्षा केन्द्र बनाए गए हों तो स्व-केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि अन्यथा की स्थिति में ऐसे महाविद्यालयों के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को यथास्थिति स्थानीयध्निकटस्थ परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा देने हेतु समायोजित कराया जाए। उन्होंने कहा कि महिला परीक्षार्थियों के लिए महिला कक्ष-निरीक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों पर छात्र-छात्राओं के लिए शुद्ध पेयजल एवं शौचालय होना अति आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था कराई जाए।

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