चीन की आक्रामक गतिविधियों के मद्देनजर भारत ने अपने नौसैनिक बेड़े को अत्याधुनिक बनाने तथा परमाणु शक्ति से लैस करने के लिए छह और परमाणु पनडुब्बी बनाने का महत्वाकांक्षी मिशन शुरू किया है। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने वार्षिक संंवाददाता सम्मेलन में कहा कि क्षेत्र में पारंपरिक और गैर पारंपरिक चुनौतियों को देखते हुए स्थिति पर निरंतर नजर बनाये रखने तथा उससे निपटने के कदम उठाये जाने की जरूरत है। एडमिरल लांबा ने कहा, ‘हमने 6 परमाणु पनडुब्बी बनाने की परियोजना शुरू कर दी है। हालांकि मैं इसके बारे में और जानकारी साझा नहीं कर सकता।’ एडमिरल लांबा ने कहा कि वह आश्वस्त करना चाहते हैं कि नौसेना देश के समुद्री हितों की रक्षा करने को पूरी तरह तैयार है। भारतीय नौसेना के पास अभी दो परमाणु पनडुब्बी देश में ही बनी अरिहंत तथा रूस से लीज पर ली गयी चक्र हैं।
छह और परमाणु पनडुब्बी बनाने का काम नौसेना के पनडुब्बी बेड़े की इस साल मनायी जा रही स्वर्ण जयंती के दौरान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी नौसेना के लिए विभिन्न श्रेणी के 34 जलपोत बनाये जा रहे हैं और गौरव की बात यह है कि ये सभी भारतीय शिपयार्डों में बन रहे हैं। स्वदेशी विमानवाहक पोत का काम भी तेजी से चल रहा है और इसके वर्ष 2020 तक नौसेना के बेडे में शामिल होने की उम्मीद है।