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पटना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करना पड़ेगा सरकारी आवास, गरमाई सियासत

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले आजीवन सरकारी आवास की सुविधा को पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को समाप्त कर दी है. मुख्य न्यायधीश एपी शाही की खंडपीठ ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे मंगलवार को सुनाया गया. कोर्ट ने कहा, यह सुविधा असंवैधानिक और आम जनता की गाढी कमाई के पैसे का दुरुपयोग हैं. पटना हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पद से हटने के बाद इस तरह की सुविधाएं दिया जाना बिल्कुल गलत हैं. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, डाॅ. जगन्नाथ मिश्र, जीतन राम मांझी आदि को अपना बंगला खाली करना पड़ेगा. इससे पूर्व मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी बंगलों का आवंटन निरस्त कर दिया था.

बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. मांझी ने कहा कि सिर्फ आपसी प्रतिद्वंद्विता के कारण ऐसा किया गया है. ये हमारे राजनीतिक जीवन को खत्म करने का प्रयास है. गौर हो कि पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को भी सरकारी बंगला खाली करना होगा. मांझी ने कहा कि बिहार सरकार को बंगला का मामला नहीं उठाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को कोई कम नही रह गया है. मालूम हो कि 2016 में बिहार की तत्कालीन महागठबंधन सरकार ने बिहार विशेष सुरक्षा कानून में संशोधन करते हुए राज्य के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला आवंटित करने और सुरक्षा दस्ता देने का संशोधित नियमावली को जारी किया था.पटना हाईकोर्ट के फैसले से लालू परिवार का पता भी बदल जायेगा. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पद से हटने के बाद इस तरह की सुविधाएं दिया जाना बिल्कुल गलत है.

फैसला आने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर सन्नाटा पसर गया है. वहीं, लालू परिवार के करीबी और राजद विधायक भोला यादव ने कहा कि न्यायपालिका का वे सम्मान करेंगे और कोर्ट के फैसले के पढ़ने के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जायेगा.हाईकोर्ट के फैसले पर राजद सांसद मनोज झा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्रियों के और भी आवंटित आवास की जांच करने की जरूरत है कि मुख्य सचिव के नाम पर आवंटित बंगले में कौन रह रहा है. इस सबकी जांच होनी चाहिए. वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा ने कहा कि जनता के बीच रहने के कारण सुरक्षा की जरूरत होती है इसलिए बंगले में रहते थे और सरकारी सुविधाएं लेते थे.जबकि, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा नेता मंगल पांडेय ने कहा कि कोर्ट के फैसले का हम सभी सम्मान करते हैं और सभी को कोर्ट के फैसले को मानना चाहिए. वहीं नीतीश सरकार में मंत्री जय कुमार सिंह ने भी कहा कि कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करने की जरूरत है.

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