भोपाल। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने ऐसे समय में एकात्म मानववाद का सृजन किया, जब दुनिया में एकतरफ कम्युनिज्म तो दूसरी तरफ पूंजीवाद का बोलबाला था। कम्युनिज्म में लोगों को वह सुख नहीं मिल पाया, जिसकी आकांक्षा थी। वहीं, पूंजीवाद में शोषण होने लगा। ऐसे समय में पं. दीनदयाल उपाध्याय ने देश को जनसंघ के रूप में एक वैकल्पिक राजनीतिक दल और एकात्म मानववाद के रूप में एक वैकल्पिक विचारधारा दी। यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री आप शिवराजसिंह चैहान ने सोमवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आयोजित समर्पण दिवस कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम को प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत एवं जिला अध्यक्ष विकास विरानी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में शिवराजसिंह चौहान, सुहास भगत सहित वरिष्ठ नेताओं ने अपनी सहयोग निधि का समर्पण किया। कार्यक्रम के पूर्व प्रदेश कार्यालय एवं लालघाटी चैराहा स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
एकात्म मानववाद में एक-दूसरे के कल्याण का भाव
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन में आई कठिनाइयों और उनके विराट व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने देश को एकात्म मानववाद उस समय दिया, जब देश में कांग्रेस का जलजला था। कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीति से असंतुष्ट होकर डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। एक तिहाई दुनिया में कम्युनिज्म का बोलबाला था और कम्युनिस्ट यह सोचते थे कि उत्पादन के साधन जिनके हाथों में हैं, उनसे छीन लो और समाज के स्वामित्व में दे दो। दूसरी तरफ अमेरिका की अगुवाई में पूंजीवादी देश थे जो यह कहते थे कि हमारे एक हाथ में रोटी और दूसरे में अभिव्यक्ति की आजादी है। दुनिया में जहां भी कम्युनिस्ट क्रांतियां हुईं, लोग सुखी नहीं रह पाए। वहीं, पूंजीवादी व्यवस्था में शोषण होने लगा। तब पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा कि पश्चिम का अंधानुकरण मत करो। हमें यह सोचना चाहिए कि हमारी भारतीय संस्कृति में ऐसा कोई विचार है, जिसके आधार पर हम समाज और राष्ट्र जीवन की रचना कर सकें। उन्होंने एकात्म मानव दर्शन का विचार दिया। इस प्रगतिशील विचार में हम सभी एक-दूसरे से जुड़कर अपना अस्तित्व साधते हुए एक-दूसरे के पूरक एवं स्वाभाविक सहयोगी बनते हैं। इसमें एक-दूसरे के लिए कल्याण का भाव होता है।
हम पं. उपाध्याय के बताए रास्ते पर बढ़ चले हैं
चौहान ने कहा कि हम सब एक वैभवशाली, गौरवशाली, समृद्ध, सम्प
पं. उपाध्याय का जीवन हमारे लिये प्रेरणास्रोतः सुहास भगत
पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि पं. दीनदयाल जी के बारे में पढ़ना हम सबके लिए जरूरी है। हम मैं से अधिकतर कार्यकर्ता उनके बारे में जितना सुनते हैं, उतना ही याद रखते हैं। हमें उनके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है, इसलिए हम उन्हें भी अन्य राजनेताओं की श्रेणी में रख लेते हैं। हमें यह जानना चाहिए कि किस प्रकार से उन्होंने अपना बचपन और अपना जीवन व्यतीत किया। उन्होंने कई परीक्षा दीं और उनमें गोल्ड मेडलिस्ट रहे। ऐसी परिस्थितियों में जबकि ठीक से भोजन करने की भी स्थिति नहीं थी, तब उन्होंने पढ़ाई करने के बारे में सोचा। ऐसे में गोल्ड मैडल हासिल करना कितना कठिन रहा होगा। इसके अलावा उन्हें अपने भाई-बहनों की देखभाल भी करना होती थी। भगत ने कहा कि कठिन संघर्षों से भरा पं. उपाध्याय का जीवन हम सभी के लिये प्रेरणास्रोत है।
हम उस पार्टी के कार्यकर्ता जिसका निर्माण मनीषियों के बलिदान से हुआः विरानी
पं. उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पार्टी के जिला अध्यक्ष विकास विरानी ने कहा कि हम अपने वरिष्ठ नेताओं से यह सुनते रहे हैं कि इस पार्टी को बनाने में पं. दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे का योगदान रहा है। इन सभी का जीवन वृतांत हमारे सामने है। इनका जीवन योगी और तपस्वियों की तरह रहा है। हर तरह की कठिनाइयों के बीच उन्होंने जिस तरह पार्टी को विस्तार दिया, वह हमारे लिये एक प्रेरणा है। विरानी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं, जिसका निर्माण पं. उपाध्याय जैसे मनीषियों के बलिदान से हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन का सदस्य होने के नाते हमारा भी यह दायित्व है कि हम अपने दल और संगठन के विस्तार के लिये अपना बहुमूल्य समय समर्पण के रूप में दें। उन्होंने कहा कि हम सभी इस दिशा में काम कर रहे हैं और आज यह संकल्प लेते हैं कि इसी तरह भारतीय जनता पार्टी की सेवा करते रहेंगे।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा, प्रदेश मंत्री पकंज जोशी, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, महापौर आलोक शर्मा, प्रदेश कार्यालय मंत्री राजेन्द्रसिंह राजपूत, पूर्व सांसद आलोक संजर, बसंत गुप्ता, सुरजीत सिंह चौहान, अशोक सैनी उपस्थित थे।