नई दिल्ली: असम में विपक्षी दल कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के दौरान बोगीबील पुल के उद्घाटन की तारीख की घोषणा करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन करने का बुधवार को आरोप लगाया और शिकायत दर्ज कराई. असम राज्य चुनाव आयुक्त एच एन बोरा ने बताया कि हमें आज शाम यह शिकायत मिली. हम पूरी प्रक्रिया देखेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे. हम प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से रिपोर्ट मांगेंगे. कांग्रेस ने राज्य चुनाव आयोग में दर्ज कराई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बोगीबील पुल का उद्घाटन 25 दिसंबर को करने की घोषणा बुधवार को की गई, जब राज्य में पहले चरण का मतदान हो रहा था. बोगीबुल पुल ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 4.94 किलोमीटर लंबा पुल है जो कि देश का सबसे लंबा रेल-सड़क पुल है. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब पीएमओ पर किसी ने आरोप लगाया हो. इससे पहले मालेगांव मामले में कांग्रेस ने सरकार पर एक बड़ा हमला बोला था.
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मालेगांव के आरोपियों को बचाने में ख़ुद प्रधानमंत्री दफ्तर लगा हुआ था. कांग्रेस ने कर्नल पुरोहित की तरफ से लिखी एक चिठ्ठी पेश कर इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका पर भी सवाल उठाया थे. कांग्रेस के मुताबिक़, मालेगांव धमाकों के एक आरोपी कर्नल पीएस पुरोहित ने 6 जनवरी को ये चिट्ठी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को लिखी. इसमें उसने 2008 के मालेगांव धमाके में अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया.कांग्रेस का आरोप है कि पुरोहित ने डोभाल से गुज़ारिश की कि एनआईए की ओर से अंतिम चार्जशीट दाखिल होने से पहले वो मामले में दखल दें. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा कहते हैं कि पुरोहित की इसी चिठ्ठी के बाद मालेगांव धमाके के अभियुक्तों को बचाने की कोशिश ने तेज़ी पकड़ी. वे पीएमओ पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि ‘पीएमओ में एनएसए की अगुवाई में एक डर्टी ट्रिक डिपार्टमेंट काम करता है 6 जनवरी को एनएसए को चिठ्ठी मिलती है उसके बाद ही बोल्ट की गति से फाइल चलने लगती है, जबकि अमूमन सरकारी फाइलें इस तेज़ी से चलती नहीं.’