अशाेक यादव, लखनऊ। प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को किसान आन्दोलन से भी चुनौती मिल रही है। इस आन्दोलन के अगुवा भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के लिए सिरदर्द बन सकते हैं। ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के इन चुनावों में ज्यादातर किसान ही उम्मीदवार बनते हैं। किसान ही वोटर हैं।
‘हिन्दुस्तान’ से राकेश टिकैत ने कहा-‘ वैसे तो पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं। मगर राजनीतिक दल तो इस चुनाव में सक्रिय हैं। हमारा किसान आन्दोलन भी चल रहा है। आगामी तीन अप्रैल को हमने अलीगढ़ में किसान पंचायत बुलाई हुई है। अन्य जिलों में भी पंचायत चुनाव के दौरान हमारे कार्यक्रम होंगे। जनता कोई अगर किसी दल विशेष के समर्थित उम्मीदवार को अपना वोट नहीं देता तो इसमें हम क्या कर सकते हैं।’
किसान आन्दोलन के बारे में श्री टिकैत ने कहा-‘हम तो दिल्ली में जमे हुए हैं जब तक विवादित कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, हमारा आन्दोलन चलता रहेगा। पांच और छह अप्रैल को हम गुजरात में रहेंगे, वहां किसान आन्दोलन को बड़ी निर्ममता से दबाया जा रहा है। भरी सभा से किसान नेता पुलिस द्वारा उठाए जा रहे हैं। युद्धवीर सिंह हमारे नेता हैं, उन्हें प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस ने उठा लिया।’