लखनऊ। यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर पर अपने और अपने परिवार के लिए लाभ कमाने के उद्देश्य से सोच-समझकर कपटपूर्वक व्यवहार करने और पहले तो अपने और अपने पति के फर्जी नामों वाले कूटरचित पहचान पत्र आदि बनाये और बाद में इस प्रकार बनाए गए कूटरचित पहचान पत्रों आदि दस्तावेजों को असली की तरह से प्रयोग करके इन दस्तावेजों के आधार पर अपने और अपने पति के क्षद्म नामों से देवरिया जिले के औद्योगिक आस्थान में प्लाट संख्या बी-2 का आबंटन अपने पक्ष में करा लेने का मामला अब लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पंहुच गया है।
लखनऊ स्थित समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने नूतन ठाकुर द्वारा क्षद्म नाम ‘श्रीमती नूतन देवी पत्नी अभिजात ठाकुर ग्राम खैरा जिला सीतामढी’ के नाम से दिनांक 28-01-1999 को महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, देवरिया को लिखे गए पत्र,नूतन ठाकुर द्वारा दिनांक 26-03-1999 को क्षद्म नाम ‘श्रीमती नूतन पत्नी अभिताप ठाकुर ग्राम खैरा जिला सीतामढी’के नाम से बनाकर प्रयोग किये गए शपथ पत्र, नूतन ठाकुर द्वारा क्षद्म नाम‘श्रीमती नूतन देवी पत्नी अभिजात ठाकुर ग्राम खैरा जिला सीतामढी, बिहार’ के नाम से दिनांक 24-03-1999 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा किये गए ट्रेजरी चालान ।
नूतन ठाकुर द्वारा क्षद्म नाम ‘श्रीमती नूतन देवी पत्नी अभिताप ठाकुर ग्राम खैरा जिला सीतामढी, बिहार’ के नाम से दिनांक 27-03-1999 को हस्ताक्षर की गई ट्रान्सफर अग्रीमेंट डीड के आधार पर नूतन पर चार सौ बीसी करने का आरोप लगाया है और वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता के मार्फत मुकद्दमा दर्ज करके सीजेएम लखनऊ से नूतन और अमिताभ के खिलाफ आईपीसी की धारा 420,467,468,471,34,166,217,120 ठ,आदि के तहत विधिक कार्यवाही करने की मांग की है, अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उर्वशी के मुकदमे को 1042ध्19 संख्या पर दर्ज करके राजधानी के गोमतीनगर थाने से आख्या तलब की है ।
आगामी 23 अप्रैल को सुनवाई की तिथि नियत की है, बकौल त्रिभुवन इस मुकद्दमे में नूतन ठाकुर पर जालसाजी और धोखाधड़ी से प्लाट आबंटन कराने के लिए इन क्षद्म नामों और बिहार राज्य के सीतामढी जिले के क्षद्म पते पर नूतन इंडस्ट्रीज नाम की फर्म का पंजीकरण बताकर शर्मा इंजीनियरिंग वर्क्स के प्रोपराइटर श्री राम जनक शर्मा और जिला उद्योग केंद्र देवरिया के महाप्रबंधक और संयुक्त निदेशक उद्योग को भी धोखे में रखे जाने और चार सौ बीसी से क्षद्म नामों और पते पर इंडस्ट्रियल प्लाट का आबंटन कराकर कब्जा प्राप्त करने का भी आरोप लगाया गया है और इस सम्बन्ध में प्रमाण भी प्रस्तुत किये गए हैं।
त्रिभुवन ने बताया कि सम्प्रति नागरिक सुरक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ में आई.जी. संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत अमिताभ ठाकुर (आई.पी.एस. ), जो कि नूतन ठाकुर के पति हैं, नूतन द्वारा क्षद्म मानों से प्लाट आबंटन कराने के दौरान देवरिया जिले में ही पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे और इस आधार पर अमिताभ ठाकुर को भी नूतन के साथ एकराय होकर काम करने के सम्बन्ध में आरोपित किया गया है और ठाकुर दंपत्ति पर अमिताभ की काली कमाई खपाने के लिए इसी प्रकार से क्षद्म नामों और पतों से देश-विदेश में बेनामी संपत्तियां जमा करने का गंभीर आरोप भी लगाया गया है।
त्रिभुवन ने बताया कि देवरिया के प्लाट आबंटन के समय ठाकुर दंपत्ति द्वारा लिखित पत्र, शपथ पत्र, ट्रेजरी चालान और ट्रान्सफर अग्रीमेंट जैसे प्रसासनिक,वित्तीय और विधिक दस्तावेजों में अपने लिए विभिन्न क्षद्म नामों का प्रयोग करने के साथ-साथ सीतामढी, बिहार के क्षद्म पते का भी प्रयोग किया गया है जो भारतीय दंड संहिता की अति गंभीर धाराओं के आपराधिक कृत्य हैं और इसीलिये उर्वशी ने अदालत से गुहार लगाईं है कि इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच पुलिस की विशेष यूनिट्स द्वारा अथवा सीबीसीआई, एसआईटी,सीबीआई से कराई जाए।