लखनऊ / पटना : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि अररिया में राजद की जीत के बाद देश विरोधी नारे लगाए जाने का मामला अभी जांच का विषय है, इसलिए इस पर टीका-टिप्पणी करने से बचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जांच होने दीजिए. जो दोषी होंगे, उस पर सख्त कार्रवाई होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को बढ़ा रही है. इसे प्रोपगेंडा की तरह बना रही है. टीडीपी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की बात पर तेजस्वी यादव ने कहा कि वह टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव के साथ हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव एकदम जायज है, क्योंकि हम भी बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार को अभी तक कोई पैकेज नहीं मिला.
उन्होंने रेलवे घोटाला को पोलिटिकल वेंडेटा करार दिया. उन्होंने कहा कि रेलवे घोटाला कोई घोटाला ही नहीं है. नीतीश जी तो अलग होने का एक बहाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि लालू जी बीजेपी के हिटलिस्ट में थे. लालू जी कभी मोदी सरकार से दबे नहीं. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर, भाई, बहन, मां और संबंधियों पर भी कई सारे झूठे मामले दर्ज करवाए गये. हम सभी के ऊपर दबाव डालने के लिए की कोशिश हो रही है. हमे बिहार में बदनाम करने का प्रोपेगेंडा रचा जा रहा है.
बिहार में राजद की जब सवाल पूछा गया कि क्या लालू जी जेल में थे, इस वजह से उनकी जीत हुई? इस पर तेजस्वी ने कहा कि 2015 में लालू जी बाहर थे, तब भी हम जीते थे. ये जीत लालूवाद की जीत है. यह बिहार की जनता की जीत है. जनता सब जानती है कि हम गलत नहीं हैं. तेजस्वी ने बिहार में जीत का श्रेय लालू यादव को दिया.
तेजस्वी ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेवादारी दी है, उसे हमने निभाने का काम किया. हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे. मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बनाने का सपना रखने वाले लालू जी के सपने को हम जरूर पूरा करेंगे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है और उसका अध्यक्ष होने के नाते राहुल जी की जिम्मेवारी है सबको एक जुट करें.चेहरा कोई भी यूपीए की तरफ से हमें फर्क नहीं पड़ता, हम देश का विकास चाहते हैं. बिहार में महागठबंधन के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि हम राष्ट्रीय स्तर पर चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ थर्ड फ्रंट तैयार हो. उन्होंने इस दौरान शिवसेना का भी जिक्र किया.
तेजस्वी ने कहा कि रामविलास पासवान की पार्टी के कई लोग हैं, जो हमारे संपर्क में हैं. वे सभी हमारे साथ गठबंधन में आना चाहते हैं. इस बात को रामविलास को समझना होगा. उपेंद्र कुशवाहा भी बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले जीतन राम मांझी भी नहीं आना चाहते थे, मगर वो भी आ ही गये.
उन्होंने कहा कि जो भी एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं और जो नाराज हैं और जिन्हें लगता है कि उनका सम्मान बीजेपी में नहीं हैं, उनका हम स्वागत करेंगे. हालांकि हम बाद में विचार विमर्श करेंगे. रामविलास पासवान जी पार्टी में आएं या न आएं, मगर उनकी पार्टी के कई लोग हैं, जो हमारे संपर्क में हैं और वह हमारे साथ आना चाहते हैं. उपेंद्र कुशवाहा भले न आएं, मगर उन्हें यह मानना चाहिए कि जिस सरकार ने बिहार की बुरी स्थिति की, उसमें रह कर वो कैसे रह सकते हैं. उन्हें छोड़कर आना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश चाचा को छोड़कर जो भी उनके साथ आना चाहें, उनके लिए दरवाजे खुले हैं.