बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाते रहे रालोसपा प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने गुरुवार को जेडीयू प्रमुख के खिलाफ अपने अभियान में बीजेपी को भी घसीट लिया. इस बीच, यह भी संकेत हैं कि लोकसभा चुनाव में सीट समझौते को लेकर अप्रसन्न कुशवाहा सत्तारूढ़ एनडीए से अलग हट सकते हैं. कुशवाहा ने अपने इस आरोप को फिर से हवा दी कि कुमार ने उनके खिलाफ ‘नीच’ शब्द का उपयोग कर उनका अपमान किया है. जेडीयू इस आरोप से इनकार कर चुका है.
कुशवाहा ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री उस समय गलत थे जब बीजेपी पर ‘नीच राजनीति’ करने का आरोप लगाने के लिए उन्होंने प्रियंका गांधी पर हमला किया था. बिहार के मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जवाब देते हुए कुशवाहा ने गुरुवार को कई ट्वीट किए. सुशील मोदी ने 12 नवंबर को ट्वीट कर कहा था कि कुमार ने ‘नीच’ शब्द का कभी उपयोग नहीं किया किंतु कुछ लोग ‘शहीद’ बनने का प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने प्रियंका गांधी वाड्रा की टिप्पणी की जो व्याख्या की थी, वह क्या सुशील कुमार मोदी के अनुसार गलत थी.
प्रियंका ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी पर हमला करते हुए ‘‘नीच राजनीति” शब्द का इस्तेमाल किया था. बीजेपी के तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी ने इस टिप्पणी को उनकी पिछड़ी जाति से जोड़ते हुए आरोप लगाया था कि उनकी पृष्ठभूमि पर हमला किया जा रहा है. कुशवाहा ने कहा, ‘‘सुशील कमार मोदी को तब यह भी कहना चाहिए कि नीतीश कुमार सही हैं तथा राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘डीएनए मुद्दे’ पर दोनों नेताओं (नीतीश एवं नरेन्द्र मोदी) के बीच वाक युद्ध में नरेन्द्र मोदी गलत थे.” वर्ष 2015 में जब बीजेपी एवं जेडीयू विरोधी खेमों में थे तो नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की डीएनए टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया था.
नीतीश ने अपने पार्टी जनों से कहा था कि वे अपने बाल एवं नाखूनों के नमूने एकत्र कर दिल्ली भेजें ताकि डीएनए की पुष्टि हो सके. बताया जाता है कि कुशवाहा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस प्रस्ताव से अप्रसन्न हैं कि उनकी पार्टी 2014 की तुलना में इस बार कम सीटों पर चुनाव लड़े. कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि वह सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर शाह के साथ विचार विमर्श करेंगे. रालोसपा ने 2014 में तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर ही उसे सफलता मिली थी.