पटना : नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बयान- बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के कारण देश में विकास की रफ़्तार धीमी है , पर राजद सहित कई दलों को आपत्ति है . मंगलवार को एक बयान जारी कर बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीति आयोग के सीईओ ने अज्ञानतावश बड़े ही दुर्भाग्यपूर्ण रूप से एक गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है कि बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों ने ही देश में प्रगति की रफ्तार को कम कर दिया है. तेजस्वी के अनुसार यह साफ दिखाता है कि नीति आयोग के अधिकारी देश की सामाजिक-आर्थिक जमीनी हकीकत से एकदम अनजान हैं. यही कारण है कि अभी तक नीति आयोग ने सिर्फ बहानेबाजी और समस्याएं गिनाने के अलावा और कुछ नहीं किया है. तेजस्वी ने कहा कि नीति आयोग ने एक तरह से नीतीश कुमार के बिहार मॉडल की धज्जियां उड़ा दी हैं. एमपी, छत्तीसगढ़ में तो 15 साल से भाजपाई सरकारें हैं.
तेजस्वी ने कहा कि ‘बिहार और बिहारी बराबर टैक्स देते हैं. राष्ट्र निर्माण में बराबर हिस्सेदारी रखते हैं. एनडीए को बिहार ने 33 सांसद दिए हैं. सात केंद्रीय मंत्री बिहार से आते हैं. केंद्र और बिहार एक ही गठबंधन की सरकार है. फिर बाबू (अफसर) कहते हैं कि बिहार पिछड़ा हुआ है. राज्य में तेरह साल से भाजपा और जदयू की तथाकथित ब्रांड बिहार वाली सुशासन सरकार है. ऐसा सुशासन जिसने न कोई नौकरियां उत्पन्न कीं, न कोई निवेश ला पाए और कानून व्यवस्था की हालत न पूछो तो ही बेहतर! ऊपर से शिक्षा और स्वास्थ्य का बंटाढार! नौकरी के नाम पर नियोजन और ठेके की अस्थायी नौकरियों में मानव संसाधन का शोषण और वेतन के बदले गुजरात मॉडल मार्का फिक्स्ड सैलरी! यह सुशासन तो value deficient PR wonder से अधिक और कुछ नहीं!’
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि सुशासन बाबू के रूप में महिमंडन सिर्फ प्रचार, प्रभाव और PR की बैसाखियों पर ही टिका है. जमीन पर किसी भी प्रकार के आमूलचूल परिवर्तन पर नहीं. लोगों के जीवनस्तर और उन्हें सबसे अधिक प्रभावित करने वाली ज़रूरी सुविधाएं व अवस्थाएं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी, आजीविका की स्थिति बद से बदतर ही होती चली गई हैं।