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निलंबन वापस लेने की मांग पर विपक्ष का हंगामा, राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

नई दिल्ली। बारह सदस्यों के निलंबन का फैसला वापस लेने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों नें हंगामा किया। इसके चलते व्यवधान की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही करीब 12 बजे शून्यकाल के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह, राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल शुरू कराया, कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कथित अशोभनीय आचरण के लिए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए बारह सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग की। सभापति ने सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की।

इसी बीच, हंगामा कर रहे कुछ विपक्षी सदस्य आसन के निकट आ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी तथा निलंबन वापस लेने की मांग करने लगे। सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि आज शून्यकाल में 60 मुद्दों को उठाने का नोटिस मिला था, जिनमें से 26 को स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दे आम जन से संबंधित हैं, लिहाजा इन मुद्दों को उठाने वाले सदस्यों को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, ”कुछ सदस्यों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही बाधित नहीं की जा सकती।” हंगामे के बीच ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हरनाथ सिंह यादव ने धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने का मुद्दा उठाया। तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, मनोनीत सदस्य नरेंद्र जाधव, बहुजन समाज पार्टी के राम जी, बीजू जनता दल (बीजद) की ममता मोहंता, भाजपा के सुशील कुमार मोदी, डी पी वत्स, छत्रपति संभाजी, मनोनीत राकेश सिन्हा सहित कुछ अन्य सदस्यों ने हंगामे के बीच ही अपने-अपने मुद्दे उठाए।

इस दौरान भाजपा के किरोड़ी लाल मीणा, महेश पोद्दार, बीजद के सस्मित पात्रा सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने विशेष उल्लेख के जरिए अलग-अलग मुद्दे उठाए। सभापति नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अपने स्थानों पर लौटने तथा सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करने की अपील की। हंगामे के बीच ही शून्यकाल पूरा हुआ।

प्रश्नकाल आरंभ होने से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी बात रखने की अनुमति देने की अपील की लेकिन नायडू ने कहा कि सभी सदस्य अपने स्थानों की ओर लौट जाएं और व्यवस्था बनाएं तो वह उन्हें बोलने की अनुमति दे सकते हैं। हंगामा कर रहे सदस्यों के आचरण पर नाराजगी जाहिर करते हुए नायडू ने कहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता से बात की और कहा था कि यदि निलंबित सदस्य अपने आचरण पर माफी मांग लेते हैं तो उनका निलंबन वापस हो सकता है।

हंगामे के बीच ही खड़गे ने कुछ कहा लेकिन उनकी आवाज सुनी नहीं जा सकी। नायडू ने इस दौरान आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को अपने स्थान पर लौट जाने की चेतावनी दी। उन्होंने मार्शलों से संजय सिंह को सदन से बाहर करने को भी कहा। हालांकि इसके बाद भी हंगामा जारी रखा। अपनी अपील का कोई असर नहीं होते देख नायडू ने कार्यवाही करीब 12 बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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