अशाेक यादव, लखनऊ। उ.प्र. पावर आफीसर्स एसोसिएशन की रविवार को कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान समिति की ओर से तीन मुद्दों को उठाया गया। समिति की ओर से पॉवर कार्पोरेशन के किसी भी डिस्काम में निदेशक के पद पर दलित अभियंताओं के चयन नहीं होने की बात उठाई गई।
पदाधिकारियों की ओर से बताया गया कि 2012 के बाद से कार्पोरेशन की किसी भी कंपनी में दलित का निदेशक पद पर चयन नहीं किया गया है जो कि चिंता का विषय है। सभी पदाधिकारियों ने सरकार से आग्रह किया गया निदेशक के पद पर दलितों की भी नियुक्ति की जाए, जिससे कि वे दलितों की समस्याओं को समझ सके।
वहीं दूसरे मुद्दे के रुप में यह बात उठाई गई कि 1992 बैच के बहुत से अभियंताओं की पदोन्नति जांच की वजह से रूकी हुई है। जिसे जल्द से जल्द पूरा कराके उन्हे प्रमोशन दिया जाए। समिति की बैठक में कहा गया कि दलित अभियंताओं के उत्पीड़न को किसी भी स्तर से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रांतीय कार्यसमिति ने इस अवसर काफी समय के बाद लेखाकार से सहायक लेखाधिकारी के पदों पर लगभग 36 सहायक लेखाधिकारियो जोकि अलग-अलग डिस्कामों में प्रमोशन पाए हुए हैं। सभी को सम्मानित करते हुए उन्हें आचरण नियमावली का पाठ पढ़ाया।
इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर.पी केन, उपाध्यक्ष राकेश पुष्कर, योगेश कुमार, पीएम प्रभाकर महेन्द्र सिंह सहित कई और लोग मौजूद रहे।