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नितिन गडकरी: भारत में 30% ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी, पिछले पांच साल में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में नहीं मिली सफलता

नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को स्वीकार किया कि देश में पिछले पांच साल में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में उनके विभाग को सफलता नहीं मिली है और उन्होंने उम्मीद जताई कि मोटर यान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद सड़क हादसों से लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी. गडकरी ने सदन में ‘मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019′ चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कहा कि मौजूदा मोटरयान कानून 30 साल पुराना है. लोगों को बहुत असुविधाएं हो रही हैं. भ्रष्टाचार की बहुत शिकायतें आई हैं. ऐसे में इस संशोधन विधेयक की जरूरत पड़ी. गडकरी ने कहा कि यह एक आम धारणा है कि आधिकारिक मशीनरी के सही से काम नहीं करने की वजह से भारत में ड्राइविंग लाइसेंस पाना सबसे आसान है.

मंत्री ने सरकारी विभागों में ड्राइवरों की नियुक्तियों में ढिलाई दिखाने के लिए खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में एक सड़क दुर्घटना का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके चालक को एक आंख में मोतियाबिंद था, जिसकी वजह से वह उस आंख से साफ नहीं देख पाते थे. उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि उनका ड्राइवर दोनों आंखों से नहीं देख सकता था. वह सुनने की शक्ति पर भरोसा करके गाड़ी चलाता था. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्यों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं हैं. उनके अधिकार क्षेत्र में कोई दखल नहीं दिया जाएगा.

मंत्री ने कहा कि लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण की व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया है जिससे भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाग लग सकेगी. उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से पूरा प्रयास करने के बावजूद सड़क हादसों में होने वाली मौतों में तीन-चार फीसदी की कमी आई हैं. मैं इसमें विफल रहा हूं, यह स्वीकार करता हूं. यह विधेयक पारित होने से इन हादसों में होने वाली मौतों में बहुत कमी आएगी. साथ ही गडकरी ने कहा कि पिछड़े जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा और इसके लिए उनका मंत्रालय एक करोड़ रुपये की मदद देगा. उन्होंने कहा कि 2017 में यह विधेयक लोकसभा में पारित हुआ, लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि यह राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया.

गडकरी ने लोकसभा से मोटरयान संशोधन विधेयक पारित करने की अपील करते हुए कहा कि परिवहन व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए राष्ट्रीय परिवहन नीति बनाई जा रही है. विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि, यातायात के नियमों और विनियमों आदि की अवहेलना के कारणों के मद्देनजर मंत्रालय में विभिन्न पक्षकारों से शिकायतों एवं सुझाव प्राप्त हुए . ऐसे में सड़क सुरक्षा और परिवहन प्रणाली में सुधार करने के लिये मोटर वाहन अधिनियम 1988 में तुरंत संशोधन की जरूरत महसूस हुई ताकि परिवहन क्षेत्र में सुरक्षा और दक्षता के मुद्दों का समाधान किया जा सके.

प्रस्तावित मोटर यान संशोधन विधेयक 2019 सड़क सुरक्षा, नागरिकों की सुविधा, सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ बनाने, स्वचालन और कंम्प्यूटरीकरण से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिये है. इसमें कहा गया है कि दुर्घटना से पीड़तों और उनके परिवार को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के लिये सरल उपबंधों के साथ बीमा के विद्यमान उपबंधों को प्रतिस्थापित किया जायेगा. चालन अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के लिये समयसीमा की समाप्ति की तारीख से पूर्व और उसके बाद एक मास बढ़ाकर एक वर्ष करने की बात कही गई है तथा परिवहन अनुज्ञप्तियों के नवीनीकरण की अवधि को तीन वर्ष बढ़ाकर पांच वर्ष करने की बात कही गई है.

विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के एंटो एंटनी ने कहा कि सरकार इस विधेयक के माध्यम से यातायात सुरक्षित करने की बात कर रही है लेकिन वह परिवहन के मामले में राज्यों के अधिकार लेना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय परिवहन नीति के नाम पर निजी क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ाना चाहती है और परिवहन क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है. प्रस्तावित नीति के गंभीर परिणाम होंगे और देशभर के राज्य परिवहन निगम इससे प्रभावित होंगे.

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