भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन (51 किग्रा) और गौरव सोलंकी (57 किग्रा) को इस्तांबुल में चल रहे बोसफोरस मुक्केबाजी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में अपने-अपने मुकाबलों में हार का सामना करने के बाद कांस्य पदक के साथ संतोष करना पड़ा।
एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता निखत ने इससे पहले प्री क्वार्टर फाइनल में रूस की 2019 की विश्व चैंपियन पेल्टसेवा इकटेरिना और क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान की दो बार की विश्व चैंपियन नजीम कजाइबे को हराकर अंतिम चार में जगह पक्की की थी।
सेमीफाइनल में उन्हें विश्व चैम्पियनशिप 2019 की रजत पदक विजेता तुर्की की बुसेनाज कैकिरोगलु से 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। शुरुआती दौर में दोनों मुक्केबाजों ने संयम के साथ खेला लेकिन बाद के दौर ने उनके हमले में तेजी आयी।
बुसेनाज को हालांकि, घरेलू माहौल का फायदा मिला और उसने सर्वसम्मति से जीत हासिल की। राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सोलंकी को अर्जेंटीना के निर्को क्युलो ने 5-0 से हराया।
पिछले मुकाबले में स्थानीय मुक्केबाज अयकोल मिजान को पराजित करने वाले सोलंकी ने इस मुकाबले में भी सटीक पंच के साथ अच्छी शुरूआत की लेकिन वह इसे आखिरी तक जारी नहीं रख सके। टूर्नामेंट में भारत का सफर दो कांस्य पदक के साथ खत्म हुआ।