अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार कोविड-19 को देखते हुए शहरवासियों को एक और राहत देने की दिशा में विचार कर रही है। शहरों में रहने वालों पर निकाय किसी तरह का कोई नया कर नहीं लगा पाएंगे।
स्थानीय निकाय निदेशालय का मानना है कि नया कर लगाने से लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और इस समय किसी तरह का बोझ देना ठीक नहीं होगा। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला उच्च स्तर पर होगा। इसके बाद ही आदेश जारी किया जाएगा।
इसके साथ स्थानीय निकायों को भी राहत दे दी गई है। स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से निकायों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मार्च 2020 से पूरा देश कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित है।
इसके कारण कई चरणों में लॉकडाउन होने से प्रदेश की नगर निकायों में कर-करेत्तर राजस्व वसूली भी प्रभावित रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रदेश की नागर निकायों के कर करेत्तर राजस्व वसूली का लक्ष्य भी ससमय निर्धारित किया जाना संभव नहीं हो पाया है।
इसलिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कर-करेत्तर राजस्व वसूली के लक्ष्य निर्धारण के संबंध में उच्च स्तर पर यह फैसला किया गया है कि प्रदेश की नागर निकायों के कर- करेततर राजस्व वसूली के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में निर्धारित लक्ष्य को वित्तीय वर्ष 2020-21 में यथावत रखा जाएगा। इसलिए इसी लक्ष्य के आधार पर ही कर और करेत्तर कर की वसूली की जाएगी।