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नाॅन कोविड चिकित्सालयों में शुरू होंगी इमरजेंसी सेवाएं

राहुल यादव, लखनऊ: 
   मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में कोविड एवं नाॅन कोविड अस्पतालों को चिन्हित करते हुए नाॅन कोविड चिकित्सालयों में इमरजेंसी सेवाओं को प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि इन चिकित्सालयों के कर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से बचाव का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए अस्पतालों में संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी सभी उपाय लागू हो गए हैं। 


  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज कोविड-19 से प्रभावित जनपदों में तैनात किए गए नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से इन जनपदों में कोविड-19 के प्रसार के नियंत्रण हेतु की गई कार्यवाही, लाॅकडाउन के पालन, कम्युनिटी किचन के संचालन, खाद्यान्न वितरण आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

ज्ञातव्य है कि 19 जनपदों के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नामित हैं।    

मुख्यमंत्री  ने नोडल अधिकारियों को निरन्तर अपने जनपद के सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जनपदों में वरिष्ठ अधिकारियों के कैम्प करने से स्थिति में सकारात्मक रूप से परिवर्तन हुआ है।

कार्यरत अधिकारियों के टीम भावना के साथ समन्वित प्रयासों से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।    

मुख्यमंत्री ने कहा कि 04 मई, 2020 से लाॅकडाउन का तीसरा चरण प्रारम्भ हो जाएगा।

वापस आने वाले प्रवासी कामगार व श्रमिकों को व्यवस्थित ढंग से क्वारंटीन सेण्टर भेजा जाए।

यह कार्य सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए।

राज्य सरकार ने लगभग 10 लाख की क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर व्यवस्था की है।

60 वर्ष से अधिक आयु व छोटे कोरोना संक्रमित बच्चों का उपचार एल-2/एल-3 कोविड अस्पताल में होगा


    मुख्यमंत्री  ने कहा कि वापस आए कामगारों व श्रमिकों को क्वारंटीन सेण्टर में रखकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। स्वस्थ पाए जाने वाले कामगारों और श्रमिकों को 14 दिन की होम क्वारंटीन के लिए उनके घर भेजे जाने से पूर्व, राशन की किट उपलब्ध करायी जाए। क्वारंटीन सेण्टर में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। कामगारों व श्रमिकों के रहने-खाने की समुचित व्यवस्था की जाए। स्वास्थ्य परीक्षण में किसी कामगार अथवा श्रमिक में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर उन्हें अस्पताल भेजा जाए।

जिन बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं आदि में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे, उन्हें एल-2 अथवा एल-3 अस्पतालों में भेजा जाएगा।      

  मुख्यमंत्री  ने कहा कि टेस्टिंग लैब में प्रोटोकाॅल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

प्रत्येक जिलाधिकारी कोरोना उपचार में लगी मेडिकल टीम की अनिवार्य क्वारंटीन व्यवस्था का निरीक्षण करें।

एल-2 कोविड अस्पताल के प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि कुल कोरोना पाॅजिटिव मरीजों में से आधा प्रतिशत रोगियों को वेन्टिलेटर की आवश्यकता होती है।

इसके दृष्टिगत इन चिकित्सालयों में 20 से 25 बेड पर वेन्टिलेटर की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने जनपद सहारनपुर तथा मुरादाबाद में टेस्टिंग लैब क्रियाशील करने के निर्देश भी दिए। 


    इस अवसर पर मुख्य सचिव  आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना  अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक  हितेश चन्द्र अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री  एस0पी0 गोयल व  संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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