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नांदेड़ के प्रबंधन को लेकर शिअद-भाजपा गठबंधन में गहराया विवाद, अंतरिम बजट पर कुछ नहीं बोले अकाली

पंजाब: तख्त श्री हजूर साहिब, नांदेड़ के प्रबंधन को लेकर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच विवाद काफी गहराया गया है, क्योंकि अकाली बजट पर कुछ नहीं बोले। केंद्र सरकार ने चुनावी साल का लोक-लुभावना अंतरिम बजट पेश कर हर वर्ग को साधने की कोशिश की। लेकिन अकाली दल की ओर से बजट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। एनडीए के कार्यकाल में यह पहला मौका है। जब केंद्र सरकार बजट पेश कर अपनी पीठ ठोंक रही है। लेकिन केंद्र में भाजपा की अहम सहयोगी अकाली दल ने चुप्पी साध ली है। आमतौर पर केंद्र सरकार की हर घोषणाओं पर पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अलग-अलग प्रतिक्रिया देकर स्वागत करते रहे हैं। लेकिन केंद्र के अंतरिम बजट पर अकाली नेताओं की चुप्पी सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी रही।

रात तक पार्टी की ओर से भी कोई बयान जारी नहीं किया गया। एक दिन पहले बजट सत्र की शुरुआत पर एनडीए की बैठक में भी अकाली सांसद शामिल नहीं हुए थे। गौरतलब है कि बुधवार को शिअद महासचिव मनजिंदर सिरसा ने खुले तौर पर चेतावनी देकर सबको चौंका दिया था कि अगर भाजपा ने गुरुद्वारों के मामले में दखलंदाजी बंद नहीं की तो गठबंधन टूट सकता है। दिलचस्प बात यह है कि सिरसा खुद भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर दिल्ली से विधायक बने हैं। लेकिन सिरसा के बयान से यह साफ हो गया था कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सिरसा ने यहां तक कह दिया था कि अगर भाजपा ने सिखों के मामलों में दखल बंद न किया तो वह भाजपा की ईंट से ईंट बजा देंगे। क्योंकि एक सिख के लिए उसके पवित्र स्थान गुरुद्वारे सबसे ऊपर हैं। भाजपा ने पहले पटना साहिब पर कब्जे की कोशिश की।

लेकिन सुखबीर द्वारा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद विवाद हल हुआ। अब हजूर साहिब में पहले भाजपा के विधायक को प्रधान बना दिया गया। अब गुरुद्वारा प्रबंधन एक्ट में बदलाव करने जा रहे हैं। जिसके बाद सरकार ही तय करेगी कि प्रधान कौन होगा। काबिलेजिक्त्रस् है कि हरसिमरत ने पिछले दिनो बयान जारी कर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणनवीस का धन्यवाद कर दिया था। उन्होंने दावा किया था कि उनके कहने पर देवेंद्र ने आश्वासन दिया था कि वह एक्ट मे बदलाव नहीं करेंगे, उसकी प्रक्रिया रोक देंगे। लेकिन उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया। जिसके बाद शिअद की ओर से सिरसा ने मोर्चा खोला।

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