पंजाब: नवजोत सिद्धू ने एक बार फिर विरोध का मोर्चा खोल दिया है और इस बार उनका टारगेट हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह, जिन पर वह लगातार तंज कर रहे हैं। बठिंडा में चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धू ने जिस प्रकार कैप्टन अमरिंदर पर बादल परिवार के साथ फ्रेंडली मैच खेलने के आरोप लगाए, उसी को आगे बढ़ाते हुए रविवार को सिद्धू ने फिर बेअदबी के मुद्दे पर तल्ख शैली में कहा कि कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने वालों को अपने वोट की ताकत से ठोको। सिद्धू ने इस मुद्दे को कांग्रेस की इज्जत के साथ जोड़ते हुए इस का संबंध राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सत्कार के साथ जोड़ा, हालांकि प्रदेश की लीडरशिप पर चुप्पी साधे रखी। पिछले ढेड़ दशक की राजनीति में यह पहली बार नहीं है कि सिद्धू दंपति ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए पार्टी लीडरशिप पर हमले किए हों।
सिद्धू ने यह बयान भी एक रणनीति के तहत दिया। मीडिया सिद्धू के साथ राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत कर रहा था। उसके बाद सिद्धू ने अचानक बेअदबी के मुद्दे को उछाल दिया। कांग्रेस मंत्री नवजोत सिद्धू मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरुद्ध उसी रणनीति के तहत राजनितिक प्रहार कर रहे हैं, जिस नीति के तहत सिद्धू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल और मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के विरुद्ध मोर्चा खोला था। अकाली दल से बढ़ी दूरियों के बाद सिद्धू ने भाजपा की तत्कालीन लीडरशिप प्रधान कमल शर्मा और राजिंदर भंडारी को नपुंसक तक कह दिया था। सिद्धू एक सोची-समझी सियासी चाल के दौरान उस समय भी भाजपा की केंद्रीय लीडरशिप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपना लीडर कहते रहे, लेकिन पार्टी की प्रदेश लीडरशिप के साथ-साथ बादल परिवार को कटघरे में खड़ा करते थे।
जब भाजपा ने सिद्धू को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दी, तब सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू भाजपा की विधायक थीं। डॉ. सिद्धू ने तत्कालीन भाजपा-अकाली सरकार के विरोध में भूख हड़ताल की, लेकिन सिद्धू कांग्रेस में शामिल होने से पहले तक खामोश रहे। पार्टी और सरकार के विरुद्ध डॉ. सिद्धू ने मोर्चा संभाला हुआ था। जैसे ही विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू कांग्रेस में शामिल हुए, सिद्धू दंपति के लिए पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस में शामिल होने के लगभग ढाई साल बाद अब जब नवजोत सिद्धू का कैप्टन अमरिंदर के साथ मोह भंग हुआ है, सिद्धू दम्पति ने कैप्टन पर उसी रणनीति के अंतर्गत हमले करने शुरू कर दिए थे। नवजोत सिद्धू ने 2009 के लोकसभा चुनाव के दस वर्ष के बाद मताधिकार का प्रयोग किया।
सिद्धू रविवार को बूथ नम्बर 134 में अपनी पत्नी के साथ पहुंचे। 2009 के लोकसभा चुनाव में सिद्धू के साथ उनके बेटे करण सिद्धू व बेटी राबिया सिद्धू भी मतदान के लिए आई थी लेकिन इस बार वे दोनों के बेटे व बेटी चुनाव के लिए नहीं पहुंचे। 2014 के लोकसभा चुनाव में सिद्धू की टिकट काटकर अरुण जेटली को दी गई थी। इसके बाद सिद्धू जेटली को वोट करने के लिए नहीं आए थे। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से उनके और राज्य में पार्टी नेताओं के खिलाफ चुनाव के इस समय में दिए जा रहे बयानों से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। इसके लिए वह सिद्धू की कड़ी निंदा करते हैं। अगर सिद्धू एक सच्चे कांग्रेसी होते, तो वह अपनी शिकायतों को सामने रखने के लिए सही समय का चयन करते।
यह नहीं कि मतदान के बिल्कुल पहले उनके और पार्टी लीडरशिप के खिलाफ गलत बयानबाजी करते। इस दौरान एक सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा कि शायद सिद्धू काफी महत्वाकांक्षी हैं और पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। कैप्टन ने सिद्धू द्वारा लगाए उन आरोपों को गलत बताया, जिसमें कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू की चंडीगढ़ से टिकट कटने में कैप्टन और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आशा कुमारी का हाथ है। कैप्टन ने कहा कि सिद्धू इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान देकर पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वैसे भी यह इलेक्शन उनके नहीं, पूरी कांग्रेस पार्टी के हैं। कैप्टन ने कहा कि अब यह हाईकमान के हाथ में है कि सिद्धू के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा लेकिन कांग्रेस पार्टी के तौर पर इस तरह की अनुशासनहीनता कभी सहन नहीं करेगी।
कैप्टन ने कहा कि उनका निजी तौर पर सिद्धू से किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है। वह सिद्धू को तब से जानते हैं, जब वह बच्चे थे। मंत्री नवजोत सिद्धू के बयान पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पलटवार पर पूर्व सीपीएस डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि चुनाव का समय है, कई तरह का स्ट्रेस रहता है। हो सकता है कि किसी बयान में कुछ कह दिया होगा। सिद्धू दंपति की यह सोच नहीं है। जब उनसे यह पूछा गया कि सिद्धू दंपति पार्टी का नुकसान कर रहे हैं, कभी नवजोत सिद्धू और कभी उनके बयान पार्टी का अनुशासन तोड़ रहे हैं तो डॉ. सिद्धू ने कहा कि पार्टी को नुकसान तब होता है जब लोगों के काम नहीं होते। चंडीगढ़ से टिकट न मिलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बेशक उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं मिला, इससे बावजूद सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को उन्होंने एकजुट रखा। कार्यकर्ताओं से कहा गया कि इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी दूर रखें।
इस बयान को इंटरपरेट कर लिया गया। डॉ. सिद्धू ने कहा कि नवजोत सिद्धू द्वारा बठिंडा में दिया गया बयान उन कांग्रेसियों के लिए था, जो घर बैठे हुए थे। जिनको लगता था कि हरसिमरत बादल बहुत मजबूत उम्मीदवार है, वो जीतेंगी। ऐसे लोगों, चाहे वे वर्कर हो या नेता, को सिद्धू ने मतभेद भुलाकर पार्टी के पक्ष में काम करने का संदेश दिया था। नवजोत के बयान से कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है तो उन्होंने कहा कि इससे तो फायदा होगा। नवजोत ने वही कहा जो लोग सुनना चाहते थे। डॉ. सिद्धू ने कहा कि सरकार ने दो साल में क्या किया, इसकी जिम्मेदारी केवल कैप्टन अमरिंदर सिंह तक सीमित नहीं है, जो नेता हलके की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, वो भी जिम्मेदार हैं।
हर नाकामी सीएम में खाते में क्यों चली जाती है। नवजोत सिद्धू ने बेअदबी मामले में जस्टिस रंजीत सिंह की रिपोर्ट के बाद एफआईआर दर्ज न करने का ठीकरा कैप्टन अमरिंदर सिंह पर फोड़ा तो उन्होंने कहा कि हर नेता को अपनी बात कहने का अधिकार है। यह बात भी पार्टी के पक्ष में है कि बेअदबी के आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं कि सिद्दू सीएम को टारगेट कर रहे हैं। पूरा पंजाब इस मुद्दे की तरफ देख रहा है। टिकट न मिलने पर कैप्टन अमरिंदर और आशा कुमारी पर दिए बयान पर डॉ. सिद्धू ने कहा जिन कार्यकर्ताओं को निगम चुनाव का टिकट नहीं मिला था, वह भी नाराज बैठे थे।
पार्टी के बड़े हित को देखते हुए ऐसे कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की गई। टिकट मिले न मिले, इससे ऊपर उठ कर कार्यकर्ताओं को काम करने के लिए प्रेरणा दी। सिद्धू परिवार ने आज तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा है। डॉ. सिद्धू ने कहा कि अनुशासनहीनता वह है जो कांग्रेसी होकर भी घर बैठ कर अपने उम्मीदवारों को हराने की साजिश रच रहा है। सिद्धू दंपति का संदेश उन सभी कांग्रेसी नेताओं व वर्कर के लिए था ताकि वह पार्टी का काम करें। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों की बात कर रही रही हैं जो रात में पैसे लेकर विरोधी खेमे का साथ देते हैं। यह लोग पार्टी को बेचते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ कांग्रेसी नेता बठिंडा में हरसिमरत कौर को जिताने के लिए काम कर रहे थे।