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नर्सों, स्वास्थ्यकर्मियों के बिना महामारी से लड़ाई संभव नहीं: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन

अशाेेेक यादव, लखनऊ। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि नर्स, दाइयां और अन्य चिकित्सा कर्मियों का स्वार्थहीन सेवा, योगदान तथा मेहनत हमेशा से सराहनीय रहे हैं और ये सभी देश के चिकित्सा ढांचे की धुरी हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने अंतराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर आज देश भर के नर्सिंग कार्यक्रमोें की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह दिवस फ्लोरेंस नाइटेन्गेल का 200 वां जन्म दिवस भी है और यह इस लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष को “अंतरराष्टीय नर्स और दाई दिवस” घोषित किया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लाखों नर्सों को संबोधित करते हुए कहा,“ आपके काम और स्वास्थ्य आपूर्ति प्रणाली में आपके ईमानदार योगदान की गहराई को परिभाषित नहीं किया जा सकता है और यही आपकी प्रतिबद्धता है। आपकी दयालुता, समर्पण और मानवीय भावनाओं के लिए आपकाे धन्यवाद। आपने हमेशा मरीजों के हिताें को पहले माना है।

इस महामारी के दौरान भी आप लोग लगातार काम कर रही हैं और नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के बिना हम इस तरह की महामारियों के खिलाफ लड़ाई नहीं जीत पाएंगे और न ही हम सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज और सतत विकास के उद्देश्यों कोे हासिल कर पाएंगे।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना महामारी से लड़ने में नर्सों के योगदान की सराहना करते हुए कहा,“ आज मुझे उन बहादुर नर्सों जिनमें ज्योति विठाल रक्षा, स्टाफ नर्स, पुणे,अनिता गोविंदराव राठौड़, सहायक मेट्रन, पुणे और मारग्रेट, नर्सिंग आफिसर, ईएसआई अस्पताल, झिलमिल, पूर्वी दिल्ली के बारे में स्मरण कराया गया जिन्होंने अपने कर्तव्य के लिए जान की बाजी लगा दी है। मैं इनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और इस महामारी से लड़ने में आप जिस साहस के साथ लगी हुई हैं, उसे बनाएं रखें और आवश्यक सावधानी बरतें तथा जरूरी दिशा-निर्देशों को पालन करती रहें।”

उस संपत्ति को नुकसान या हानि पहुंचाना जिसमें महामारी के संबंध में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों का सीधा हित हो सकता है। हिंसा के ऐसे कार्यों को करने या लोगों को इनके लिए उकसाने के मामले में तीन महीने से लेकर पांच साल तक के कारावास की सज़ा होगी और 50,000 रुपए से लेकर 2,00,000 रुपए जुर्माना भी लगाया जाएगा।

अगर कोई व्यक्ति किसी को गंभीर चोट पहुंचाता है तो उसे छह माह से सात वर्ष की सजा होगी और एक लाख से पांच लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा संपत्ति को जो नुकसान हुआ है,उसकी बाजार कीमत का दोगुना मूल्य आरोपी को पीड़ित को देना होगा।

उन्होंने कहा कि जो चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं, उनके हितों को देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज को मंजूरी दी है जिसमें देश के लगभग 22.12 लाख जन स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया है और 90 दिनों के लिए इन्हें 50 लाख रुपए बीमा का कवर दिया जाएगा। इसमें कोरेाना के किसी भी तरह के संक्रमण के कारण होने वाले जान के नुकसान को भी शामिल किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज की जो स्थितियां हैं, उसे देखते हुए नर्सों को सभी मानक प्रोटोकाल का पालन करने की जरूरत है तथा इस रोग के बारे में जानकारी, इसके नियंत्रण और फैलाव को रोके जाने के बारे में लोगों को जागरुक बनाया जाना चाहिए।

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