अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगामी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले वैश्य वोट बैंक को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी मैदान में आ गयी है। इसका जिम्मा वैश्य समाज के दिग्गज नेता नरेश अग्रवाल को दी गयी है यही वजह है कि 14 नवम्बर वैश्य सम्मेलन के माध्यम से नरेश विपक्षी दलों को अपनी ताकत दिखाएंगे, क्योंकि प्रदेश में करीब 18 प्रतिशत आबादी वाले इस समाज का यूपी की राजनीति में काफी दबदबा है।
आपको बता दें 14 नवम्बर को लखनऊ के इंदरागांधी प्रतिष्ठान में वैश्य महासम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसमें सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डा. दिनेश शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल शामिल होंगे। नरेश अग्रवाल का यह मानना है कि सभी बिरादरियों का सम्मेलन हो रहा है। ऐसे में उनका समाज बचा था इस लिए उनके समाज से जुड़े वैश्य समाज का सम्मेलन किया जा रहा है।
नरेश अग्रवाल यूपी के बड़े वैश्य नेता हैं। वो हरदोई से सात बार विधायक रह चुके हैं और अब तक सपा, बसपा और कांग्रेस, तीनों को आज़मा चुके हैं। साल 2008 में पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल ने यह सीट अपने पुत्र नितिन अग्रवाल के हवाले कर दी और खुद केंद्र की राजनीति करने चले गए। मार्च 2018 में उन्होंने सपा से राज्यसभा न भेजे जाने से नाराज़ होकर भाजपा का दामन थाम लिया था।
हालांकि भाजपा ने इनको ना ही राज्यसभा भेजा और ना ही कोई बड़ा पद दिया। ऐसे में नरेश यूपी चुनाव से पहले वैश्य समाज कार्यक्रम के जरिये अपनी ताकत दिखाएंगे।ऐसे में अब देखना ये भी होगा कि क्या इस सम्मेलन के बाद बीजेपी नरेश अग्रवाल पर भरोसा जताती है और केंद्र की राजनीति में कोई बड़े पद या राज्य सभा भेजेगी।