लखनऊ। केंद्र और उत्तरप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार कुछ डरी डरी और सहमी सी लग रही है। भाजपा के अंदर जीत का वो विश्वास दिखाई नहीं दे रहा है जो इसके पूर्व के चुनाव में नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने करके लड़े गए थे। हालत ये है कि नगर निकाय जैसे चुनाव में भी भाजपा को कई नए प्रयोग करने पड़ रहे हैं. ताकि जीत सुनिश्चित की जा सके। यूपी में शायद ये पहली बार हो रहा है कि मुख्यमंत्री खुद निकाय चुनाव के प्रचार में हिस्सा लें। वही गुजरात चुनाव में भी भाजपा को पसीना छूट रहा है। हालाँकि चुनाव एक्सपर्ट की मानें तो भाजपा चुनाव जीतने के सारे मर्म जानती है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यूपी में हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव ‘हाफ इयरली एग्जाम; की तरह साबित होंगें। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नगर निकाय जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। योगी अयोध्या नगर निगम चुनाव से प्रचार करेगें।
इधर भाजपा एक नया प्रयोग करती देखी जा रही है. कि नगर निकाय चुनाव में पहली बार भाजपा संकल्प पत्र के जरिये हर मतदाता तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। संकल्प पत्र 12 नवम्बर को जारी होगा। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी इस बार मतदाताओं के घर-घर स्लिप भिजवाएगी। इस स्लिप पर प्रत्याशी का फोटो लगा होगा और केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां भी होंगी। इतना ही नहीं उस पर्ची पर बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए प्रमुख बातों का जिक्र भी होगा।
दरअसल, पार्टी की इस कवायद के पीछे मंशा यही है कि मतदाताओं में प्रत्याशी और पार्टी को लेकर कोई भ्रम न रहे। भाजपा के प्रचार संयोजक गोविंद शुक्ला के मुताबिक इस बार निकाय चुनाव में पहली बार एक नया प्रयोग करने जा रहे हैं।
जिसके तहत वोट डालने वाली पर्ची को सभी मतदाताओं के घर पहुंचाया जाएगा। इस पर्ची में मेयर के साथ-साथ पार्षद का भी फोटो लगा होगा। इसके अलावा उस पर केंद्र और राज्य सरकार की प्रमुख उपलब्धियों के साथ संकल्प पत्र में किए गए प्रमुख वादों का भी अंश होगा।
गौरतलब है कि इस बार के निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी 16 नगर निगमों में चुनाव प्रचार करेंगे। वे 14 नवंबर को अयोध्या में एक जनसभा को संबोधित कर चुनाव प्रचार का आगाज़ करेंगे। वहीं, रविवार को पार्टी मुख्यालय पर बीजेपी अपने संकल्प पत्र को भी लॉंच करेगी।