पिथौरागढ़: आइटीबीपी की एक टीम ने नंदादेवी पर्वत चोटी पर चढ़ने के प्रयास करने में जान गंवाने वाले सात पर्वतारोहियों के शवों को एक निचले शिविर तक पहुंचा दिया. बुधवार को उन्हें विमान के जरिए मुनस्यारी के रास्ते पिथौरागढ़ भेजा जायेगा. आइटीबीपी के कुमांऊ रेंज के उप महानिरीक्षक एपीएस निंबाडिया ने बताया कि चार शव सोमवार को और अन्य तीन शव मंगलवार को इस शिविर में लाए गए. इन शवों को संरक्षित रखने के लिये बर्फ का प्रयोग किया जा रहा है. अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायु सेना के विमानों से इन शवों को मुनस्यारी लाया जायेगा और फिर उन्हें पिथौरागढ़ भेज कर उनका पोस्टमार्टम और पहचान तय की जायेगी. विदित हो कि गत 23 जून को आइटीबीपी की टीम ने शवों को बर्फ से खोदकर बाहर निकाला था.
17,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिविर में लाया गया. लेकिन भारतीय वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टरों के इतनी अधिक ऊंचाई तक उड़ पाने में विफल रहने के बाद उन्हें शिविर में लाया गया. जाने माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में गयी टीम आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित 7,434 मीटर ऊंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतेह करने निकली थी लेकिन रास्ते में वे लापता हो गये. मोरान पहले भी दो बार इस चोटी पर विजय पताका फहरा चुके हैं. इन पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली के इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के अधिकारी चेतन पांडे भी शामिल थे. सात शवों को आइटीबीपी की टीम ने बरामद कर लिया लेकिन लगातार खराब मौसम के कारण टीम को आठवें शव की तलाश का काम बीच में छोड़ना पड़ा.