धर्मशाला : वनडे सीरीज के प्रारंभिक मैच में टीम इंडिया को 7 विकेट से हराकर श्रीलंका टीम ने बड़ा झटका दिया है. मैच में श्रीलंका की टीम ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही क्षेत्रों में टीम इंडिया को बुरी तरह पछाड़ा और जीत के लिए जरूरी 113 रन का लक्ष्य महज 20.4 ओवर में तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया. विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की अगुवाई कर रहे रोहित शर्मा के लिए मैच में कुछ भी ठीक नहीं रहा. श्रीलंका के आमंत्रण पर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम लगातार विकेट गंवाती रही. 29 रन तक पहुंचते-पहुंचते ही टीम के 7 बल्लेबाज पेवेलियन लौट चुके थे. वह तो भला हो एमएस धोनी का जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में 65 रन की जुझारू पारी खेलकर टीम को उसके अब तक न्यूनतम स्कोर (54) के नीचे जाने से बचाया. धोनी की बदौलत ही टीम इंडिया 100 रन के पार पहुंचने में सफल रही लेकिन श्रीलंका ने लक्ष्य महज तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया. इस जीत के साथ श्रीलंका ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है.श्रीलंका की ओर से पारी का पहला ओवर सुरंगा लकमल ने फेंका जो मेडन रहा. पारी के दूसरे ओवर में टीम इंडिया को पहला झटका लगा. शिखर धवन (0) को इस ओवर की आखिरी गेंद पर एंजेलो मैथ्यूज ने एलबीडब्ल्यू किया. टीवी अम्पायर ने यह फैसला गेंदबाज के पक्ष में दिया.तीसरे ओवर में रोहित शर्मा ने भारतीय टीम का खाता खोला, इस ओवर में 2 रन बने. पारी के 5वें ओवर में रोहित शर्मा (2) भी आउट हो गए, उन्हें सुरंगा लकमल ने विकेट के पीछे निरोशन डिकवेला से कैच कराया. पहले 5 ओवर में ही दो विकेट गिरने से टीम मुश्किल में नजर आ रही थी. पांच ओवर के बाद टीम का स्कोर दो विकेट पर दो रन था.पारी के छठे ओवर में अय्यर ने चौका लगाकर अपना खाता खोला. शुरुआती पांच ओवर में ही दो विकेट गिरने के कारण भारत की रन गति बेहद धीमी थी. तेज गेंदबाजों को विकेट से मदद मिल रही थी.तीसरा विकेट दिनेश कार्तिक (0) के रूप में गिरा जिन्हें सुरंगा लकमल ने एलबीडब्ल्यू किया.10 ओवर के बाद टीम इंडिया का स्कोर तीन विकेट खोकर 11 रन था.चौथे विकेट के रूप में जल्द ही मनीष पांडे (2)के आउट होने से भारतीय टीम गहरे संकट में फंस गई. पांडे केो लकमल ने मैथ्यूज के हाथों कैच कराया. यह मैच में उनका तीसरा विकेट रहा. मनीष पांडे के आउट होने के बाद श्रेयस अय्यर भी 16 रन के कुल स्कोर पर चलते बने.उन्हें तेज गेंदबाज नुवान प्रदीप ने बोल्ड किया. 15 ओवर के बाद भारतीय टीम के खाते में महज 27 रन थे और पांच विकेट आउट हो चुके थे.
मैच में भारतीय विकेट एक के बाद एक गिरते जा रहे थे और श्रीलंकाई गेंदबाज जोश से भर उठे थे. हार्दिक पंड्या ने दो चौके लगाकर दबाव हटाने का प्रयास किया लेकिन वे भी ज्यादा देर नहीं टिके और 10 रन (10 गेंद, दो चौके) बनाकर नुवान प्रदीप की गेंद पर मैथ्यूज को कैच दे बैठे. 28 रन पर छह विकेट गंवाने के बाद ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया अपने न्यूनतम स्कोर 54 रन को भी पार नहीं कर पाएगी. जल्द ही भुवनेश्वर कुमार (0)भी सातवें विकेट के रूप में पेवेलियन लौट गए. वे लकमल के चौथे शिकार बने.20 ओवर के बाद भारतीय टीम के खाते में केवल 29 रन थे और सात बल्लेबाज पेवेलियन लौट चुके थे. इस समय रनगति शर्मनाकर रूप से डेढ़ रन प्रति ओवर से भी कम थी.भारतीय टीम यदि वनडे के अपने न्यूनतम स्कोर (54) रन से आगे निकल पाई तो इसका पूरा श्रेय पूर्व कप्तान धोनी और कुलदीप यादव को जाता है जिन्होंने टीम इंडिया को इस शर्मनाक स्थिति से बचाने में अहम योगदान दिया.कुलदीप यादव आठवें विकेट के रूप में 19 रन बनाने के बाद आउट हुए. उन्हें स्पिनर अकिला धनंजय ने विकेटकीपर डिकवेला से स्टंप कराया. धोनी का अच्छा साथ देने के बाद बुमराह (0) आउट हुए. उन्हें सचित पातिराना ने बोल्ड किया. 9 विकेट गिरने के बाद धोनी ने जबर्दस्त बल्लेबाजी करते हुए दो छक्के और कुछ चौके जमाए. उनका अर्धशतक 78 गेंदों पर आठ चौकों और एक छक्के की मदद से पूरा हुआ था. धोनी (65 रन, 87 गेंद, 10 चौके, दो छक्के) आखिरी विकेट के रूप में थिसारा परेरा की गेंद पर गुणतिलका द्वारा कैच किए गए. यह उनकी पारी का ही कमाल था कि टीम इंडिया तिहरी रनसंख्या तक पहुंच पाई. युजवेंद्र चहल बिना कोई रन बनाए नाबाद रहे. श्रीलंका के लिए सुरंगा लकमल ने सर्वाधिक चार और नुवान प्रदीप ने दो विकेट लिए.