जौनपुर। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पुलिस लाइन में धरना दे रहे प्राथमिक शिक्षकों को थानाध्यक्ष लाइन बाजार द्वारा नक्सली कहने व महिला शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार करने से शिक्षक भड़क गए। आक्रोशित शिक्षकों ने जिलाध्यक्ष अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में लाइन बाजार थाना पहुंचकर घेराव कर दिया। मुख्यद्वार पर नारेबाजी करते हुए थानाध्यक्ष के निलंबन की मांग करने लगे। लगभग एक घंटे बाद सिटी मजिस्ट्रेट के समझाने व थानाध्यक्ष द्वारा खेद प्रकट करने से शिक्षक माने। संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के बैनर तले जेल भरो आंदोलन के तहत दिन में पुलिस लाइन परिसर में सैकड़ों की संख्या में परिषदीय विद्यालय के शिक्षक पहुंचकर सभा कर रहे थे। लगभग डेढ़ बजे जिला महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष अर्चना सिंह उपस्थित शिक्षकों को संबोधित कर रहीं थी,
इसी दौरान लाइन बाजार थानाध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा भारी फोर्स सहित सभा स्थल पर पहुंच गए और शिक्षकों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अर्चना सिंह के हाथों से माइक छीन लिया। थानाध्यक्ष ने शिक्षकों का बैनर नोंचते हुए कहा कि तुम लोग शिक्षक नहीं नक्सली हो। थानाध्यक्ष द्वारा रासुका लगाने व जोर जबरदस्ती करने से आक्रोशित शिक्षक नारेबाजी करते हुए लगभग दो सौ की संख्या में वहां से पैदल लाइन बाजार थाना पहुंचे। शिक्षक जेल भेजने की मांग करते हुए थाने के गेट के सामने पर धरने पर बैठ गए और थानाध्यक्ष के निलंबन की मांग करने लगे।
थानाध्यक्ष ने अपनी भाषा पर खेद व्यक्त किया। गिरफ्तारी हेतु 182 शिक्षकों की सूची सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र राम मिश्रा को सौंपी। उन्होंने कहा कि आप को जेल नहीं भेजा जा सकता, न ही आप पर कोई मुकदमा दर्ज होगा। उनके समझाने पर शिक्षक शांत हुए। प्रदर्शन करने वालों में जिला मंत्री संजय सिंह, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुशील उपाध्याय, जिला उपाध्यक्ष राजेश सिंह टोनी, संयुक्त मंत्री शैलेंद्र सिंह, जिला संगठन मंत्री अश्वनी सिंह, दिवाकर चौहान, संतोष बघेल, मनीष सोमवंशी, सरोज सिंह, ममता श्रीवास्तव, सहित सभी ब्लाकों के अध्यक्ष, मन्त्री सहित भारी संख्या में शिक्षक रहे।