वाशिंगटन: उत्तर कोरिया की ओर से गुआम पर मिसाइलें दागने की धमकी के बाद डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिंगफिंग ने हाथ मिला लिया है। कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने के लिए दोनों नेताओं ने अपने साझा संकल्प को दोहराते हुए उत्तर कोरिया के लिए नसीहत जारी की है। किम जोंग उन की धमकी के बाद दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं ने दोहराया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाल में उत्तर कोरिया पर जो प्रस्ताव मंजूर किया है वह कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थायित्व के लिए आवश्यक कदम है। व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप इस वर्ष के अंत में चीन में शी से मुलाकात के लिए उत्सुक हैं। इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक ऐतिहासिक घटना होगी। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन को सख्त चेतावनी भी दी है। ट्रंप ने कहा कि किम जोंग ने गुआम या अमेरिका के किसी क्षेत्र के खिलाफ कोई कार्रवाई की उन्हें पछताना पड़ेगा।
भारत की तेज आवाज कर सकती है मदद- अमेरिकी कमांडर
अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर के मुताबिक उत्तर कोरिया के संकट को खत्म करने में भारत खास भूमिका निभा सकता है। अमेरिकी प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस का कहना है कि भारत उत्तर कोरियाई नेतृत्व को उसके परमाणु कार्यक्रमों से पैदा हो रहे खतरे की गंभीरता को समझाने में मदद कर सकता है। हैरिस ने कहा कि भारत की आवाज तेज है जिससे लोग इस पर ध्यान देंगे।
जापान: तैनात की मिसाइलें
तोक्यो: उत्तर कोरिया द्वारा प्रशान्त महासागर के पश्चिमी भाग में स्थित गुआम द्वीप पर बैलेस्टिक मिसाइलें दागने की धमकी के बाद जापान ने अपनी सीमा पर पैट्रियट एडवांस्ड कैपैबिलिटी-3 (पीएसी-3) रक्षा प्रणाली तैनात करनी शुरू कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने पश्चिमी जापान के शिमाने, हिरोशिमा और कोची में यह कदम उठाया है। इस पर उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि यह उसकी मिसाइलों के रास्ते में आ सकती है।